नई
दिल्ली। ग्राहकी कमजोर होने से हाल ही में ग्वार सीड और गम की कीमतों में
मंदा आया है। राजस्थान के ग्वार सीड उत्पादक क्षेत्रों में बारिश अच्छी हुई
है, लेकिन हरियाणा और गुजरात के उत्पादक क्षेत्रों में अभी भी पर्याप्त
बारिश नहीं हुई। ऐसे में ग्वार सीड की कीमतों में आगामी दिनों में तेजी,
मंदी उत्पादक राज्यों में मानसूनी बारिश कैसी होती है, इस पर भी निर्भर
करेगी। चालू वित्त वर्ष 2022-23 के पहले महीने अप्रैल में देश से ग्वार गम
उत्पादों का निर्यात 7.20 फीसदी बढ़कर 29,134 टन का हुआ है, जबकि पिछले
वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 27,176 टन का ही हुआ था।
वाणिज्य
एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार मूल्य के हिसाब से चालू वित्त वर्ष के पहले
महीने अप्रैल में ग्वार गम उत्पादों का निर्यात बढ़कर 362 करोड़ रुपये का
हुआ है, जोकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 213 करोड़ रुपये से
ज्यादा है।
वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान देश से ग्वार गम 37.17
फीसदी बढ़कर 3.21 लाख टन का हुआ है जोकि इसके पिछले वित्त वर्ष 2020-21 के
2.34 लाख टन से ज्यादा है। मूल्य के हिसाब से वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान
ग्वार गम उत्पादों का निर्यात 3,335 करोड़ रुपये का हुआ है, जोकि पिछले
वित्त वर्ष की समान अवधि के 1,949 करोड़ रुपये की तुलना में ज्यादा है।
प्लांटों
की मांग कमजोर होने से ग्वार सीड की कीमतों में गुरूवार को 25 से 50 रुपये
प्रति क्विंटल की नरमी दर्ज की गई। हरियाणा की ऐलनाबाद मंडी में ग्वार सीड
के भाव 4,400 से 5,050 रुपये और सिरसा में 4,600 से 5,081 रुपये प्रति
क्विंटल क्वालिटीनुसार रहे। व्यापारियों के अनुसार ग्वार सीड के प्रमुख
उत्पादक राज्य राजस्थान में हाल ही अच्छी बारिश हुई है, लेकिन गुजरात और
हरियाणा के ग्वार सीड उत्पादक क्षेत्रों में अभी तक बारिश सामान्य की तुलना
में काफी कम हुई है, जिससे इन राज्यों में ग्वार सीड की बुआई तेजी नहीं
पकड़ पाई है। ऐसे में आगामी दिनों में इसकी कीमतों में तेजी, मंदी उत्पादक
राज्यों में मानसूनी बारिश कैसी होती है। इस पर भी निर्भर करेगी।
राजस्थान
के कृषि निदेशालय के अनुसार शुरूआती चरण में राज्य में 20 जून तक 35 हजार
हेक्टेयर में ही ग्वार सीड की बुआई हुई है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के
84 हजार हेक्टेयर की तुलना में कम है। गुजरात और हरियाणा में ग्वार सीड की
बुआई अभी शुरू ही हुई है।
24 जून 2022
ग्वार सीड और ग्वार गम में तेजी, मंदी मानसून पर करेगी निर्भर, अप्रैल में निर्यात बढ़ा
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