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16 जून 2022

अरहर, उड़द के साथ ही मसूर की कीमतों में सुधार, दलहन आयात में हुई बढ़ोतरी

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने के कारण बुधवार को आयातित के साथ ही देसी अरहर, उड़द, चना के साथ ही मसूर की कीमतों में सुधार आया। जानकारों के अनुसार बढ़ी हुई कीमतों में दालों में ग्राहकी कमजोर है, इसलिए इनके भाव में अभी बड़ी तेजी के आसार तो नहीं है, लेकिन आयात पड़ते महंगे होने के कारण हल्की तेजी जरुर बन सकती है। वैसे आगामी दिनों में दालों की तेजी, मंदी काफी हद तक मानसूनी की चाल पर भी निर्भर करेगी।

भारतीय मौसम विभाग, आईएमडी के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान उत्तरी अरब सागर के कुछ और हिस्सों, गुजरात राज्य के कुछ और हिस्सों, दक्षिण मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, पूरे मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। कर्नाटक और तमिलनाडु के कुछ हिस्से, विदर्भ और तेलंगाना, आंध्र प्रदेश के कुछ और हिस्से, पश्चिम मध्य और उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी, ओडिशा के कुछ और हिस्से, गंगीय पश्चिम बंगाल, झारखंड, पूरे उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और बिहार के कुछ और हिस्से में मानसून सक्रिय होगा।

जून महीने के पहले दो सप्ताह बीत चुके हैं, लेकिन देशभर में अभी भी सामान्य के मुकाबले 32 फीसदी कम बारिश हुई है। खरीफ दलहन के प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और राजस्थान एवं कर्नाटक के साथ ही गुजरात में बारिश सामान्य की तुलना में कम दर्ज की गई। इस दौरान देशभर के 36 सब डिवीजनों में से जहां 16 में सामान्य से कम हुई वहीं 14 में सामान्य से बहुत कम बारिश हुई है।

वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान दलहन के आयात में 9.44 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल आयात 26.99 लाख टन का हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष में 24.66 लाख टन दालों का आयात हुआ था। चालू वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान जहां अरहर और उड़द का आयात लगभग दोगुने के करीब हुआ है, जबकि मसूर के आयात में कमी आई है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान अरहर का आयात बढ़कर 8.40 लाख टन का और उड़द का 6.11 लाख टन का हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान इनका आयात क्रमश: 4.42 लाख टन और 3.44 लाख टन का ही हुआ था। मसूर का आयात वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान घटकर 6.67 लाख टन का ही हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष में इसका आयात 11.16 लाख टन का हुआ था। मूंग का आयात वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 1.95 लाख टन का, चना का 1.40 लाख टन का और काबुली चना का 61 हजार टन का हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष के दौरान इनका आयात क्रमश: 81 हजार टन, 1.40 लाख टन और 1.53 लाख टन का हुआ था।

डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होकर 78.11 के स्तर पर आ गया, इससे अरहर, उड़द और मसूर के आयात पड़ते और महंगे हुए हैं।

दिल्ली में बर्मा की लेमन अरहर के भाव 25 रुपये तेज होकर 6,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

दिल्ली डिलीवरी के लिए महाराष्ट्र की नांदेड़ लाईन की पुराने और नई अरहर के भाव में 50-50 रुपये की तेजी आकर दाम क्रमशः 6,325 रुपये और 6,425 से 6,525 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

चेन्नई में, बर्मा की लेमन अरहर के भाव 6,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

दाल मिलों की मांग सुधरने से मुंबई में बर्मा की लेमन अरहर के भाव 50 रुपये बढ़कर 6,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

इस दौरान मुंबई में अफ्रीकी लाईन की अरहर के भाव स्थिर बने रहे। तंजानिया की अरुषा और मटवाना अरहर के भाव क्रमश: 5,450 से 5,500 रुपये और 5,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। इस दौरान मोजाम्बिक लाईन की गजरी अरहर की कीमतें 5,350 से 5,400 रुपये  और मलावी अरहर के भाव 4,950 से 5,000 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर बनी रही।

आंध्र प्रदेश लाईन की नई उड़द का दिल्ली के लिए व्यापार 100 रुपये बढ़कर 7,300 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर हुआ।

चेन्नई में दाम तेज होने से दिल्ली में बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू के भाव 75 से 100 रुपये तेज होकर क्रमश: 7,300 रुपये और 7,925 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।  

उत्पादक मंडियों ममें समर उड़द की आवक बनी रहने के बावजूद भी मुंबई में बर्मा उड़द एफएक्यू की कीमतों में 100 रुपये की तेजी आकर भाव 7,050 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

चेन्नई में उड़द एफएक्यू के भाव 7,050 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे, जबकि एसक्यू की कीमतों में शाम के सत्र में 50 रुपये का मंदा आकर भाव 7,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

दाल मिलों की हाजिर मांग सुधरने से दिल्ली में कनाडा और मध्य प्रदेश की मसूर के भाव में 25-25 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 7,075 और 7,025 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

कनाडा एवं आस्ट्रलियाई मसूर के भाव कंटेनर में स्थिर बने रहे। कनाडा की मसूर के भाव कंटेनर में 7,250 रुपये और आस्ट्रेलियाई मसूर के भाव 7,300 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

दिल्ली में चना की कीमतों में 75-75 रुपये की तेजी आकर राजस्थानी चना के दाम 4,950 रुपये एवं मध्य प्रदेश के चना की कीमतें 4,875 रुपये प्रति क्विंटल हो गई।

तंजानिया के चना के भाव में मुंबई में 50 रुपये की तेजी आकर दाम 4,350 से 4,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

दिल्ली में उत्तर प्रदेश लाईन की मूंग के दाम 50 रुपये कमजोर होकर भाव 6,200 से 6,300 रुपये एवं मध्य प्रदेश लाईन की मूंग के भाव 25 रुपये घटकर 6,375 से 6,475 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

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