आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार इस साल देश में सामान्य मानसून रहने का अनुमान है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीव ने दक्षिण पश्चिम मानसून के पहले दीर्घकालिक अनुमान को जारी करते हुए बताया कि देश में इस साल मानसून सामान्य रहने का अनुमान है।
मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण पश्चिम मानसून(जून से सितंबर) के दौरान 96 से 104 फीसदी बारिश इसमें (पांच फीसदी कम या पांच फीसदी ज्यादा) होने का अनुमान है। सामान्य मानसूनी बारिश खेती के लिये मददगार साबित होगी, क्योंकि खरीफ की अधिकांश फसलें बारिश पर ही निर्भर करती हैं।
दक्षिण पश्चिम मानसून, सामान्य तौर पर एक जून को दक्षिणी इलाकों से देश में दस्तक देता है और 30 सितंबर तक इसकी वापसी हो जाती है। डा. राजीवन ने बताया कि मौसम विभाग ने इस साल से मानसून के आने और वापस जाने की तारीखों में भी बदलाव किया है। हालांकि केरल में इस मानसून के इस साल एक जून को ही दस्तक देने का अनुमान है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आज जारी किया गया पूर्वानुमान, दक्षिण पश्चिम मानसून की राष्ट्रीय स्थिति को दर्शाता है। इसका क्षेत्रीय पूर्वानुमान मई के अंतिम सप्ताह या जून के पहले सप्ताह में जारी किया जायेगा। जिसके आधार पर यह बताया जा सकेगा कि देश के किस इलाके में मानसून की बारिश का कैसा हाल रहने का अनुमान है।
एक जून को केरल तट से दस्तक दे सकता है
मौसम विभाग के महानिदेशक डा. मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून, अनुमान के मुताबिक एक जून को केरल तट से दस्तक दे सकता है। उन्होंने कहा कि विभिन्न शहरों में मानसून के दस्तक देने और वापसी की अनुमानित तारीखों का निर्धारण कर दिया गया। पिछले कुछ दशकों से जलवायु संबंधी परिस्थितियों में सामान्य रूप से होने वाले समयगत बदलावों के देखते हुए मानसून की दस्तक और वापसी, पूर्व निर्धारित कार्यक्रम से पहले या देर से हो रही थी। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने 1950 के दशक में निर्धारित किये गए मानसून के कार्यक्रम को इस साल पुनर्निर्धारित किया है। डा. महापात्रा ने बताया कि दक्षिण पश्चिम मानसून में बारिश की मात्रा दीर्घकालिक अनुमान के मुताबिक शत प्रतिशत रहने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि मानसून के दौरान बारिश की मात्रा 96 प्रतिशत से 104 प्रतिशत के बीच रहने की स्थिति को सामान्य श्रेणी में रखा जाता है।........... आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार इस साल देश में सामान्य मानसून रहने का अनुमान है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीव ने दक्षिण पश्चिम मानसून के पहले दीर्घकालिक अनुमान को जारी करते हुए बताया कि देश में इस साल मानसून सामान्य रहने का अनुमान है।
मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण पश्चिम मानसून(जून से सितंबर) के दौरान 96 से 104 फीसदी बारिश इसमें (पांच फीसदी कम या पांच फीसदी ज्यादा) होने का अनुमान है। सामान्य मानसूनी बारिश खेती के लिये मददगार साबित होगी, क्योंकि खरीफ की अधिकांश फसलें बारिश पर ही निर्भर करती हैं।
दक्षिण पश्चिम मानसून, सामान्य तौर पर एक जून को दक्षिणी इलाकों से देश में दस्तक देता है और 30 सितंबर तक इसकी वापसी हो जाती है। डा. राजीवन ने बताया कि मौसम विभाग ने इस साल से मानसून के आने और वापस जाने की तारीखों में भी बदलाव किया है। हालांकि केरल में इस मानसून के इस साल एक जून को ही दस्तक देने का अनुमान है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आज जारी किया गया पूर्वानुमान, दक्षिण पश्चिम मानसून की राष्ट्रीय स्थिति को दर्शाता है। इसका क्षेत्रीय पूर्वानुमान मई के अंतिम सप्ताह या जून के पहले सप्ताह में जारी किया जायेगा। जिसके आधार पर यह बताया जा सकेगा कि देश के किस इलाके में मानसून की बारिश का कैसा हाल रहने का अनुमान है।
एक जून को केरल तट से दस्तक दे सकता है
मौसम विभाग के महानिदेशक डा. मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून, अनुमान के मुताबिक एक जून को केरल तट से दस्तक दे सकता है। उन्होंने कहा कि विभिन्न शहरों में मानसून के दस्तक देने और वापसी की अनुमानित तारीखों का निर्धारण कर दिया गया। पिछले कुछ दशकों से जलवायु संबंधी परिस्थितियों में सामान्य रूप से होने वाले समयगत बदलावों के देखते हुए मानसून की दस्तक और वापसी, पूर्व निर्धारित कार्यक्रम से पहले या देर से हो रही थी। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने 1950 के दशक में निर्धारित किये गए मानसून के कार्यक्रम को इस साल पुनर्निर्धारित किया है। डा. महापात्रा ने बताया कि दक्षिण पश्चिम मानसून में बारिश की मात्रा दीर्घकालिक अनुमान के मुताबिक शत प्रतिशत रहने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि मानसून के दौरान बारिश की मात्रा 96 प्रतिशत से 104 प्रतिशत के बीच रहने की स्थिति को सामान्य श्रेणी में रखा जाता है।........... आर एस राणा
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