आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2019-20 के पहले छह महीनों में चीनी के उत्पादन में 21.58 फीसदी की कमी आकर कुल 232.74 लाख टन का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस दौरान 296.82 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार इस समय देशभर में केवल 186 चीनी मिलों में ही पेराई चल रही है, जिनमें से ज्यादातर उत्तर भारत की है। पिछले साल इस समय देश में 240 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी। कोरोना वायरस के कारण देशभर में हुए लॉकडाउन के कारण ट्रकों की उपलब्धता में कमी के साथ ही आवाजाही प्रभावित हुई थी, लेकिन केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के कारण, पिछले 4-5 दिनों से स्थिति में सुधार हो गया है। इस्मा ने सरकार को आश्वासन दिया है कि देश में चीनी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है तथा जिन राज्यों में गन्ना बचा हुआ है वहां चीनी मिलों में पेराई जारी रहेगी और गन्ना किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आनी दी जायेगी।
उत्तर प्रदेश में उत्पादन ज्यादा, महाराष्ट्र में कम
उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में मार्च अंत तक चीनी का उत्पादन बढ़कर 97.20 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में राज्य में केवल 95.67 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। महाराष्ट्र में चालू पेराई सीजन में अभी तक केवल 58.70 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस समय तक 105.16 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था। राज्य की 118 चीनी मिलों में पेराई बंद हो चुकी है तथा इस समय केवल 28 मिलों में ही पेराई चल रही है।
कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में चीनी के उत्पादन में आई कमी
कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में मार्च अंत तक चीनी का उत्पादन घटकर 33.50 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में राज्य में 43.18 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था। तमिलनाडु में चीनी का उत्पादन चालू पेराई सीजन में 4.50 लाख टन का ही हुआ है जोकि पिछले साल के 6.33 लाख टन से कम है। गुजरात में पिछले साल इस समय तक 10.64 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था, जबकि चालू पेराई सीजन में केवल 8.50 लाख टन का ही उत्पादन हुआ है। इसी तरह से आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में चीनी का उत्पादन घटकर 4.10 लाख टन का ही हुआ है जोकि पिछले साल के 7.25 लाख टन से कम है।
लॉकडाउन के कारण पेट्रोल में मांग कम है जिसका असर एथेनॉल के उठाव पर
अन्य राज्यों में बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा तथा राजस्थान को मिलाकर मार्च अंत तक 26.24 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। इस्मा के अनुसार चीनी मिलों को एथेनॉल के उठाव की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि देशभर में लॉकडाउन होने के कारण पेट्रोल में मांग में कमी आना है।........... आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2019-20 के पहले छह महीनों में चीनी के उत्पादन में 21.58 फीसदी की कमी आकर कुल 232.74 लाख टन का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस दौरान 296.82 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार इस समय देशभर में केवल 186 चीनी मिलों में ही पेराई चल रही है, जिनमें से ज्यादातर उत्तर भारत की है। पिछले साल इस समय देश में 240 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी। कोरोना वायरस के कारण देशभर में हुए लॉकडाउन के कारण ट्रकों की उपलब्धता में कमी के साथ ही आवाजाही प्रभावित हुई थी, लेकिन केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के कारण, पिछले 4-5 दिनों से स्थिति में सुधार हो गया है। इस्मा ने सरकार को आश्वासन दिया है कि देश में चीनी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है तथा जिन राज्यों में गन्ना बचा हुआ है वहां चीनी मिलों में पेराई जारी रहेगी और गन्ना किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आनी दी जायेगी।
उत्तर प्रदेश में उत्पादन ज्यादा, महाराष्ट्र में कम
उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में मार्च अंत तक चीनी का उत्पादन बढ़कर 97.20 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में राज्य में केवल 95.67 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। महाराष्ट्र में चालू पेराई सीजन में अभी तक केवल 58.70 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस समय तक 105.16 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था। राज्य की 118 चीनी मिलों में पेराई बंद हो चुकी है तथा इस समय केवल 28 मिलों में ही पेराई चल रही है।
कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में चीनी के उत्पादन में आई कमी
कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में मार्च अंत तक चीनी का उत्पादन घटकर 33.50 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में राज्य में 43.18 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था। तमिलनाडु में चीनी का उत्पादन चालू पेराई सीजन में 4.50 लाख टन का ही हुआ है जोकि पिछले साल के 6.33 लाख टन से कम है। गुजरात में पिछले साल इस समय तक 10.64 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था, जबकि चालू पेराई सीजन में केवल 8.50 लाख टन का ही उत्पादन हुआ है। इसी तरह से आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में चीनी का उत्पादन घटकर 4.10 लाख टन का ही हुआ है जोकि पिछले साल के 7.25 लाख टन से कम है।
लॉकडाउन के कारण पेट्रोल में मांग कम है जिसका असर एथेनॉल के उठाव पर
अन्य राज्यों में बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा तथा राजस्थान को मिलाकर मार्च अंत तक 26.24 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। इस्मा के अनुसार चीनी मिलों को एथेनॉल के उठाव की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि देशभर में लॉकडाउन होने के कारण पेट्रोल में मांग में कमी आना है।........... आर एस राणा
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