आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2019-20 के पहले साढ़े छह महीनों में चीनी के उत्पादन में 20.51 फीसदी की कमी आकर कुल 247.80 लाख टन का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस दौरान 311.75 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार इस समय देशभर में केवल 137 चीनी मिलों में ही पेराई चल रही है, जिनमें से ज्यादातर उत्तर भारत की है। पिछले साल इस समय देश में 172 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी। कोरोना वायरस के कारण देशभर में चल रहे लॉकडाउन के कारण चीनी की घरेलू मांग में कमी आई है, क्योंकि होटल, दुकानें तथा मॉल आदि बंद हैं। उद्योग के अनुसार गर्मी का सीजन होने के लॉकडाउन खुलने के बाद चीनी में बड़ी खपत कंपनियों की मांग बढ़ेगी। चीनी की कुल खपत में बड़ी कंपनियों की हिस्सेदारी 60 फीसदी से ज्यादा है।
उत्तर प्रदेश में उत्पादन बढ़ा, महाराष्ट्र में घटा
उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में 15 अप्रैल तक चीनी का उत्पादन बढ़कर 108.25 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में राज्य में केवल 105.55 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। राज्य की 119 चीनी मिलों में से 21 में पेराई बंद हो चुकी है तथा इस समय 98 में ही पेराई चल रही है। लॉकडाउन के कारण राज्य में गुड़ और खांडसारी इकाइयां लगभग बंद हो चुकी है जिस कारण चीनी मिलों को ज्यादा गन्ना मिल रहा है। महाराष्ट्र में चालू पेराई सीजन में अभी तक केवल 60.12 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस समय तक 106.71 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था। राज्य में 136 चीनी मिलों में पेराई शुरू हुई थी जिसमें से इस समय केवल 10 मिलों में ही पेराई चल रही है।
कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में भी उत्पादन में आई कमी
कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में मध्य अप्रैल तक चीनी का उत्पादन घटकर 33.82 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में राज्य में 43.20 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था। तमिलनाडु में चीनी का उत्पादन चालू पेराई सीजन में 4.95 लाख टन का ही हुआ है जोकि पिछले साल के 6.85 लाख टन से कम है। गुजरात में पिछले साल इस समय तक 11.19 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था, जबकि चालू पेराई सीजन में केवल 8.80 लाख टन का ही उत्पादन हुआ है।
लॉकडाउन के कारण देश की अधिकांश चीनी मिलें हैंड सैनिटाइजर बना रही हैं
अन्य राज्यों में आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा तथा राजस्थान को मिलाकर 15 अप्रैल तक 31.86 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। इस्मा के अनुसार विश्व बाजार में चीनी की कीमतों में आई नरमी से निर्यात सौदे प्रभाति हुए हैं, हालांकि डॉलर के मुकाबले रुपया नीचले स्तर पर आने से निर्यातकों को कुछ राहत मिली है। कोरोना वायरस के कारण इस समय देश की अधिकांश चीनी मिलें हैंड सैनिटाइजर बनाकर अस्पतालों को सप्लाई कर रही हैं।.......... आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2019-20 के पहले साढ़े छह महीनों में चीनी के उत्पादन में 20.51 फीसदी की कमी आकर कुल 247.80 लाख टन का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस दौरान 311.75 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार इस समय देशभर में केवल 137 चीनी मिलों में ही पेराई चल रही है, जिनमें से ज्यादातर उत्तर भारत की है। पिछले साल इस समय देश में 172 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी। कोरोना वायरस के कारण देशभर में चल रहे लॉकडाउन के कारण चीनी की घरेलू मांग में कमी आई है, क्योंकि होटल, दुकानें तथा मॉल आदि बंद हैं। उद्योग के अनुसार गर्मी का सीजन होने के लॉकडाउन खुलने के बाद चीनी में बड़ी खपत कंपनियों की मांग बढ़ेगी। चीनी की कुल खपत में बड़ी कंपनियों की हिस्सेदारी 60 फीसदी से ज्यादा है।
उत्तर प्रदेश में उत्पादन बढ़ा, महाराष्ट्र में घटा
उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में 15 अप्रैल तक चीनी का उत्पादन बढ़कर 108.25 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में राज्य में केवल 105.55 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। राज्य की 119 चीनी मिलों में से 21 में पेराई बंद हो चुकी है तथा इस समय 98 में ही पेराई चल रही है। लॉकडाउन के कारण राज्य में गुड़ और खांडसारी इकाइयां लगभग बंद हो चुकी है जिस कारण चीनी मिलों को ज्यादा गन्ना मिल रहा है। महाराष्ट्र में चालू पेराई सीजन में अभी तक केवल 60.12 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस समय तक 106.71 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था। राज्य में 136 चीनी मिलों में पेराई शुरू हुई थी जिसमें से इस समय केवल 10 मिलों में ही पेराई चल रही है।
कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में भी उत्पादन में आई कमी
कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में मध्य अप्रैल तक चीनी का उत्पादन घटकर 33.82 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में राज्य में 43.20 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था। तमिलनाडु में चीनी का उत्पादन चालू पेराई सीजन में 4.95 लाख टन का ही हुआ है जोकि पिछले साल के 6.85 लाख टन से कम है। गुजरात में पिछले साल इस समय तक 11.19 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था, जबकि चालू पेराई सीजन में केवल 8.80 लाख टन का ही उत्पादन हुआ है।
लॉकडाउन के कारण देश की अधिकांश चीनी मिलें हैंड सैनिटाइजर बना रही हैं
अन्य राज्यों में आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा तथा राजस्थान को मिलाकर 15 अप्रैल तक 31.86 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। इस्मा के अनुसार विश्व बाजार में चीनी की कीमतों में आई नरमी से निर्यात सौदे प्रभाति हुए हैं, हालांकि डॉलर के मुकाबले रुपया नीचले स्तर पर आने से निर्यातकों को कुछ राहत मिली है। कोरोना वायरस के कारण इस समय देश की अधिकांश चीनी मिलें हैंड सैनिटाइजर बनाकर अस्पतालों को सप्लाई कर रही हैं।.......... आर एस राणा
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