कॉटन
एसोसिएशन ऑफ इंडिया, सीएआई ने देश में इस साल 354.5 लाख गांठ (एक गांठ-170
किलो) उत्पादन अनुमान को बरकरार रखा है। कोरोना वायरस और लॉक डाउन की वजह
से सीएआई ने मई के पहले हफ्ते में कमेटी की बैठक बुलाई है। जिसमें मौजूद
कॉटन स्टॉक की समीक्षा की जाएगी।
एसोसिएशन के मुताबिक 31 मार्च तक देश से 31 लाख गांठ के निर्यात सौदे हुए है जबकि अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 तक देश में करीब 154 लाख गांठ कॉटन की खपत हुई है। लॉकडाउन होने के कारण कपास की दैनिक आवक मंडियों नहीं हो रही है, जबकि निर्यात शिपमेंट भी नहीं हो पा रही है। उधर विश्व बाजार में कपास की कीमतें नीचे बनी हुई है तथा जब तक विश्व बाजार में स्थिति सामान्य नहीं होती, तब तक कपास की निर्यात मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद भी नहीं है।
एसोसिएशन के मुताबिक 31 मार्च तक देश से 31 लाख गांठ के निर्यात सौदे हुए है जबकि अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 तक देश में करीब 154 लाख गांठ कॉटन की खपत हुई है। लॉकडाउन होने के कारण कपास की दैनिक आवक मंडियों नहीं हो रही है, जबकि निर्यात शिपमेंट भी नहीं हो पा रही है। उधर विश्व बाजार में कपास की कीमतें नीचे बनी हुई है तथा जब तक विश्व बाजार में स्थिति सामान्य नहीं होती, तब तक कपास की निर्यात मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद भी नहीं है।
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