आर एस राणा
नई दिल्ली। किसानों को अरहर मंडियों में समर्थन मूल्य से 900 से 1,000 रुपये प्रति क्विंटल नीचे दाम पर बेचनी पड़ी, लेकिन केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 4 लाख टन अरहर के आयात को मंजूरी दे दी। इसके अलावा 1.50 लाख टन मटर और 1.5 लाख टन मूंग के आयात की मंजूरी भी दी गई है।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार पहली अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष 2020—21 में दाल मिलों द्वारा 4 लाख टन अरहर का आयात किया जायेगा। इसके अलावा 1.50 लाख टन मटर के आयात को मजूरी दी है। मटर का आयात केवल कोलकाता बंदरगाह पर किया जायेगा, तथा मटर के आयात पर 200 रुपये प्रति किलो की दर से न्यूनतम आयात शुल्क की शर्त बरकरार रहेगी। इस दौरान दाल मिलें 1.50 लाख टन मूंग का आयात कर सकेंगी।
दलहन आयात की अनुमति का असर मौजूदा कीमतों पर पड़ेगा
केंद्र सरकार खरीफ विपणन सीजन 2019-20 के लिए अरहर का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5,800 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है जबकि महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश के किसानों को मंडियों में अरहर 4,800 से 4,900 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बेचनी पड़ी। कर्नाटक की गुलबर्गा मंडी के दलहन कारोबारी चंद्रशेखर नादर ने बताया कि चार लाख टन अरहर के आयात की मंजूरी तो प्राइवेट दाल मिलोें को दी है, इसके अलावा करीब दो लाख टन अरहर का आयात सरकारी सत्र पर भी होगा। केंद्र सरकार ने मोजाम्बिक से अरहर आयात के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया हुआ है। चना, मसूर, मटर और मूंग के साथ ही अन्य रबी दलहन की आवक घरेलू मंडियों में आगे बढ़ेगी, अत: आयात की अनुमति का असर इनकी कीमतों पर भी पड़ेगा। उन्होंने बताया कि चना और मसूर आदि के दाम पहले ही समर्थन मूल्य से नीचे बने हुए हैं।
दालों का उत्पादन अनुमान ज्यादा
कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू रबी सीजन में दालों का उत्पादन बढ़कर 151.1 लाख टन होने का अनुमान है जोकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि के 139.8 लाख टन से ज्यादा है। फसल सीजन 2019-20 में दालों का उत्पादन बढ़कर 230.2 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इनका उत्पादन 220.8 लाख टन का ही हुआ था। फसल सीजन 2017-18 में देश में रिकार्ड 254.2 लाख टन दालों का उत्पादन हुआ था।............ आर एस राणा
नई दिल्ली। किसानों को अरहर मंडियों में समर्थन मूल्य से 900 से 1,000 रुपये प्रति क्विंटल नीचे दाम पर बेचनी पड़ी, लेकिन केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 4 लाख टन अरहर के आयात को मंजूरी दे दी। इसके अलावा 1.50 लाख टन मटर और 1.5 लाख टन मूंग के आयात की मंजूरी भी दी गई है।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार पहली अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष 2020—21 में दाल मिलों द्वारा 4 लाख टन अरहर का आयात किया जायेगा। इसके अलावा 1.50 लाख टन मटर के आयात को मजूरी दी है। मटर का आयात केवल कोलकाता बंदरगाह पर किया जायेगा, तथा मटर के आयात पर 200 रुपये प्रति किलो की दर से न्यूनतम आयात शुल्क की शर्त बरकरार रहेगी। इस दौरान दाल मिलें 1.50 लाख टन मूंग का आयात कर सकेंगी।
दलहन आयात की अनुमति का असर मौजूदा कीमतों पर पड़ेगा
केंद्र सरकार खरीफ विपणन सीजन 2019-20 के लिए अरहर का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5,800 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है जबकि महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश के किसानों को मंडियों में अरहर 4,800 से 4,900 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बेचनी पड़ी। कर्नाटक की गुलबर्गा मंडी के दलहन कारोबारी चंद्रशेखर नादर ने बताया कि चार लाख टन अरहर के आयात की मंजूरी तो प्राइवेट दाल मिलोें को दी है, इसके अलावा करीब दो लाख टन अरहर का आयात सरकारी सत्र पर भी होगा। केंद्र सरकार ने मोजाम्बिक से अरहर आयात के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया हुआ है। चना, मसूर, मटर और मूंग के साथ ही अन्य रबी दलहन की आवक घरेलू मंडियों में आगे बढ़ेगी, अत: आयात की अनुमति का असर इनकी कीमतों पर भी पड़ेगा। उन्होंने बताया कि चना और मसूर आदि के दाम पहले ही समर्थन मूल्य से नीचे बने हुए हैं।
दालों का उत्पादन अनुमान ज्यादा
कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू रबी सीजन में दालों का उत्पादन बढ़कर 151.1 लाख टन होने का अनुमान है जोकि पिछले रबी सीजन की समान अवधि के 139.8 लाख टन से ज्यादा है। फसल सीजन 2019-20 में दालों का उत्पादन बढ़कर 230.2 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इनका उत्पादन 220.8 लाख टन का ही हुआ था। फसल सीजन 2017-18 में देश में रिकार्ड 254.2 लाख टन दालों का उत्पादन हुआ था।............ आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें