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27 दिसंबर 2019

किसानों को उचित भाव मिलने लगा तो सरकार ने बढ़ा दिया उड़द का आयात कोटा

आर एस राणा
नई दिल्ली। उड़द की कीमतों में सुधार आने से किसानों को उचित भाव मिलने लगा था, लेकिन केंद्र सरकार ने आयात कोटे को 128.57 फीसदी की बढ़ोतरी कर 4 लाख टन कर दिया। इससे घरेलू बाजार में उड़द की कीमतों में गिरावट आने का अनुमान है, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा।
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए उड़द के आयात कोटे को 2.5 लाख टन बढ़ा दिया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी ट्रेड नोटिस के अनुसार चालू वित्त वर्ष के दौरान कुल 4 लाख टन उड़द का आयात हो सकेगा। इससे पहले सरकार ने केवल 1.50 लाख टन उड़द के आयात को मंजूरी दी हुई थी जिसमें सरकार ने 2.5 लाख टन और जोड़कर 4 लाख टन कर दिया है। डीजीएफटी के अनुसार इस कोटे के तहत उड़द के आयात के लिए दाल मिलों को 20-31 दिसंबर के बीच ऑनलाइन आवेदन करना होगा। जिसमें योग्य आवेदक को ही लाइसेंस जारी किया जाएगा।
आयात कोटे में बढ़ोतरी से कीमतों में नरमी आने का अनुमान
कर्नाटक की गुलबर्गा मंडी के दलहन कारोबारी चंद्रशेखर नादर ने बताया कि उत्पादक मंडियों में उड़द के भाव 6,500 से 7,000 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं तथा मंडियों में दैनिक आवक अच्छी है। खरीफ उड़द की आवक मंडियों में अभी बनी रहेगी। केंद्र सरकार ने चालू खरीफ सीजन 2019-20 के लिए उड़द का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5,700 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। उन्होंने बताया कि चैन्नई में आयातित उड़द एफएक्यू का भाव 7,250 से 7,300 रुपये प्रति क्विंटल है। चालू सीजन में कई राज्यों में बेमौसम बारिश और बाढ़ से उड़द की फसल को नुकसान हुआ था, जिससे किसानों को नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि उड़द के आयात कोटे में बढ़ोतरी से घरेलू बाजार में इसकी कीमतों में गिरावट आने का अनुमान है।
खरीफ में उत्पादन अनुमान कम, रबी में बुआई बढ़ी
कृषि मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2019-20 खरीफ में उड़द का उत्पादन 24.3 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 25.6 लाख टन का उत्पादन हुआ था। चालू रबी में उड़द की बुआई बढ़कर 4.32 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 4.24 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। रबी सीजन में उड़द का सबसे ज्यादा उत्पादन तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में होता है।..........  आर एस राणा

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