आर एस राणा
नई दिल्ली। किसानों को मूंग न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे दाम पर बेचनी पड़ रही है, इसके बावजूद भी चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही अप्रैल से सितंबर में दालों का कुल आयात 38.13 फीसदी बढ़ गया। अक्टूबर से उड़द के आयात पर रोक लगी हुई, लेकिन हाईकोर्ट से स्टे आर्डर लेकर आयातक आयात कर रहे हैं।
केंद्र सरकार ने चालू खरीफ विपणन सीजन 2019-20 के लिए मूंग का समर्थन मूल्य 7,050 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है जबकि उत्पादक मंडियों में किसान 6,600 से 6,700 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर मूंग बेचने को मजबूर हैं। सार्वजनिक कंपनी नेफेड मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीद तो कर रही है लेकिन अभी 22 नवंबर तक केवल 36,300 टन मूंग की खरीद ही एमएसपी पर हुई है जबकि चालू खरीफ में उत्पादन 14.2 लाख टन होने का अनुमान है। अत: समर्थन मूल्य पर खरीद नाममात्र की ही हो रही है। मूंग के अलावा मंडियों में चना, मसूर और अरहर के भाव भी समर्थन मूल्य से नीचे बने हुए हैं।
स्टे आर्डर लेकर कर रहे हैं उड़द का आयात
उड़द के भाव तो मंडियों में समर्थन मूल्य से उपर बने हुए हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 में अक्टूबर तक डेढ़ लाख टन उड़द के आयात की अनुमति दी थी, जबकि अप्रैल से अक्टूबर के दौरान ही 1.56 लाख टन उड़द का आयात हो चुका है। सूत्रों के अनुसार राजस्थान के आयातकों ने हाईकोर्ट से उड़द आयात के लिए स्टे आर्डर लिया है, अत: करीब 2,000 कंटेनर (एक कंटेनर-24 टन उड़द) जल्द ही मुंबई और चैन्नई बंदरगाह पर पहुंचने वाली हैं।
अप्रैल से सितंबर के दौरान 14.78 लाख टन दालों का हो चुका है आयात
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही अप्रैल से सितंबर के दौरान 14.78 लाख टन होने का आयात हो चुका है जोकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 38.13 फीसदी ज्यादा है। पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में इस दौरान 10.70 लाख टन दालों का ही आयात हुआ था। दिल्ली के एक दलहन कारोबारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष में उड़द, मूंग, अरहर और मटर के आयात की अनुमति केवल दाल मिलर्स को ही दी थी, लेकिन आयातित दालें खुले बाजार में बिक रही है। उन्होंने बताया कि लेमन अरहर का भाव मुंबई में 5,000 से 5,100 रुपये, उड़द एसक्यू का भाव 7,400 से 7,500 रुपये तथा एफएक्यू के व्यापार 6,400 से 6,500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हो रहे हैं।
खरीफ में दालों का उत्पादन अनुमान कम
केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए डेढ़ लाख टन उड़द, डेढ़ लाख टन मूंग और डेढ़ लाख टन ही मटर के आयात की अनुमति दी थी, तथा आयातकों को आयात भी 31 अक्टूबर तक ही करना था। इसके अलावा सरकार ने मसूर के आयात पर 30 फीसदी आयात शुल्क और चना के आयात पर 60 फीसदी का आयात शुल्क लगा रखा है। कृषि मंत्रालय के अ
नई दिल्ली। किसानों को मूंग न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे दाम पर बेचनी पड़ रही है, इसके बावजूद भी चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही अप्रैल से सितंबर में दालों का कुल आयात 38.13 फीसदी बढ़ गया। अक्टूबर से उड़द के आयात पर रोक लगी हुई, लेकिन हाईकोर्ट से स्टे आर्डर लेकर आयातक आयात कर रहे हैं।
केंद्र सरकार ने चालू खरीफ विपणन सीजन 2019-20 के लिए मूंग का समर्थन मूल्य 7,050 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है जबकि उत्पादक मंडियों में किसान 6,600 से 6,700 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर मूंग बेचने को मजबूर हैं। सार्वजनिक कंपनी नेफेड मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीद तो कर रही है लेकिन अभी 22 नवंबर तक केवल 36,300 टन मूंग की खरीद ही एमएसपी पर हुई है जबकि चालू खरीफ में उत्पादन 14.2 लाख टन होने का अनुमान है। अत: समर्थन मूल्य पर खरीद नाममात्र की ही हो रही है। मूंग के अलावा मंडियों में चना, मसूर और अरहर के भाव भी समर्थन मूल्य से नीचे बने हुए हैं।
स्टे आर्डर लेकर कर रहे हैं उड़द का आयात
उड़द के भाव तो मंडियों में समर्थन मूल्य से उपर बने हुए हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 में अक्टूबर तक डेढ़ लाख टन उड़द के आयात की अनुमति दी थी, जबकि अप्रैल से अक्टूबर के दौरान ही 1.56 लाख टन उड़द का आयात हो चुका है। सूत्रों के अनुसार राजस्थान के आयातकों ने हाईकोर्ट से उड़द आयात के लिए स्टे आर्डर लिया है, अत: करीब 2,000 कंटेनर (एक कंटेनर-24 टन उड़द) जल्द ही मुंबई और चैन्नई बंदरगाह पर पहुंचने वाली हैं।
अप्रैल से सितंबर के दौरान 14.78 लाख टन दालों का हो चुका है आयात
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही अप्रैल से सितंबर के दौरान 14.78 लाख टन होने का आयात हो चुका है जोकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 38.13 फीसदी ज्यादा है। पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में इस दौरान 10.70 लाख टन दालों का ही आयात हुआ था। दिल्ली के एक दलहन कारोबारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष में उड़द, मूंग, अरहर और मटर के आयात की अनुमति केवल दाल मिलर्स को ही दी थी, लेकिन आयातित दालें खुले बाजार में बिक रही है। उन्होंने बताया कि लेमन अरहर का भाव मुंबई में 5,000 से 5,100 रुपये, उड़द एसक्यू का भाव 7,400 से 7,500 रुपये तथा एफएक्यू के व्यापार 6,400 से 6,500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हो रहे हैं।
खरीफ में दालों का उत्पादन अनुमान कम
केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए डेढ़ लाख टन उड़द, डेढ़ लाख टन मूंग और डेढ़ लाख टन ही मटर के आयात की अनुमति दी थी, तथा आयातकों को आयात भी 31 अक्टूबर तक ही करना था। इसके अलावा सरकार ने मसूर के आयात पर 30 फीसदी आयात शुल्क और चना के आयात पर 60 फीसदी का आयात शुल्क लगा रखा है। कृषि मंत्रालय के अ
नुसार
फसल सीजन 2018-19 में खरीफ में दालों का उत्पादन घटकर 82.3 लाख टन ही होने
का अनुमान है जोकि इसके पिछले साल के 85.9 लाख टन से कम है। अरहर की नई
फसल की आवक उत्पादक मंडियों में दिसंबर में बढ़ेगी, जबकि अरहर के दाम
मंडियों ममें 5,500 से 5,600 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं।.... आर एस राणा
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