आर एस राणा
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में पेराई में देरी होने से पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2019-20 के पहले दो महीनों में नवंबर अंत तक चीनी का उत्पादन 54 फीसदी घटकर 18.85 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 40.69 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में महाराष्ट्र की चीनी मिलों में देरी से पेराई आरंभ हुई है तथा अभी भी राज्य की केवल 43 चीनी मिलों में पेराई आरंभ हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में राज्य में 175 मिलों में पेराई आरंभ हो चुकी थी। राज्य में 30 नवंबर तक केवल 67,000 टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है, जबकि पिछले पेराई सीजन में अक्टूबर-नवंबर में 18.89 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। महाराष्ट्र में सूखे और बाढ़ से गन्ने की फसल को भारी नुकसान हुआ है जिस कारण राज्य में चीनी का उत्पादन पिछले साल के 107 लाख टन की तुलना में चालू पेराई सीजन में 58.3 लाख टन ही होने का अनुमान है।
उत्तर प्रदेश में बढ़ा है उत्पादन
उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में नवंबर अंत तक चीनी का उत्पादन थोड़ा बढ़कर 10.81 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस दौरान राज्य में 9.14 लाख टन चीनी का उत्पादन ही हुआ था। राज्य की 111 चीनी मिलों ने पेराई आरंभ कर दी है, जबकि पिछले साल इस समय तक 105 चीनी मिलों ने ही पेराई आरंभ की थी।
कर्नाटक एवं अन्य राज्यों में उत्पादन कम
कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में 30 नवंबर 2019 तक राज्य में 61 चीनी मिलों ने 5.21 लाख टन चीनी का उत्पादन ही किया है जबकि पिछले पेराई सीजन में राज्य की 63 चीनी मिलों ने 8.40 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। गुजरात में बेमौसम बारिश की वजह से राज्य चीनी मिलों ने करीब 20 दिन की देरी से पेराई आरंभ की है। राज्य में 14 चीनी मिलों ने पेराई आरंभ कर दी है तथा अभी तक 75 हजार चीनी का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में राज्य में 16 मिलों ने पेराई आरंभ कर दी थी, और 2.05 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था। अन्य उत्पादक राज्यों में 50 चीनी मिलों ने पेराई आरंभ की है तथा 1.41 लाख टन चीनी का उत्पादन ही हुआ है जबकि पिछले साल 60 मिलों में पेराई आरंभ हो चुकी थी तथा 2.21 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था।
चीनी मिलों पर पिछले पेराई सीजन का 5,000 करोड़ रुपये किसानों का अभी भी बकाया
इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन में चीनी मिलों ने करीब 15 लाख टन चीनी निर्यात के सौदे ईरान, श्रीलंका, अफगानिस्तान और अफ्रीकी देशों को किए हैं। चीनी के भाव उत्तर भारत में एक्स फैक्ट्री 3,250 से 3,300 रुपये और महाराष्ट्र में चीनी के एक्स फैक्ट्री भाव 3,100 से 3,250 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। गन्ना उत्पादक राज्यों के अनुसार चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का पेराई सीजन 2018-19 का 30 नवंबर 2019 तक करीब 5,000 करोड़ रुपये बकाया बचा हुआ है।
उत्पादन अनुमान पिछले साल की तुलना में कम
इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 260 लाख टन होने का ही होने का अनुमान है जबकि खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्रालय के अनुसार चालू पेराई सीजन 2019-20 में देश में चीनी का उत्पादन 273 लाख टन होने का अनुमान है जोकि पिछले पेराई सीजन 331 लाख टन से कम है। हालांकि पेराई सीजन के आरंभ में 140 लाख टन चीनी का बकाया स्टॉक बचा है, जिस कारण चीनी की कुल उपलब्धता 413 लाख टन की बैठेगी, जबकि देश में चीनी की सालाना खपत 260 लाख टन की ही होती है। ............ आर एस राणा
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में पेराई में देरी होने से पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2019-20 के पहले दो महीनों में नवंबर अंत तक चीनी का उत्पादन 54 फीसदी घटकर 18.85 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 40.69 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में महाराष्ट्र की चीनी मिलों में देरी से पेराई आरंभ हुई है तथा अभी भी राज्य की केवल 43 चीनी मिलों में पेराई आरंभ हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में राज्य में 175 मिलों में पेराई आरंभ हो चुकी थी। राज्य में 30 नवंबर तक केवल 67,000 टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है, जबकि पिछले पेराई सीजन में अक्टूबर-नवंबर में 18.89 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। महाराष्ट्र में सूखे और बाढ़ से गन्ने की फसल को भारी नुकसान हुआ है जिस कारण राज्य में चीनी का उत्पादन पिछले साल के 107 लाख टन की तुलना में चालू पेराई सीजन में 58.3 लाख टन ही होने का अनुमान है।
उत्तर प्रदेश में बढ़ा है उत्पादन
उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में नवंबर अंत तक चीनी का उत्पादन थोड़ा बढ़कर 10.81 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस दौरान राज्य में 9.14 लाख टन चीनी का उत्पादन ही हुआ था। राज्य की 111 चीनी मिलों ने पेराई आरंभ कर दी है, जबकि पिछले साल इस समय तक 105 चीनी मिलों ने ही पेराई आरंभ की थी।
कर्नाटक एवं अन्य राज्यों में उत्पादन कम
कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में 30 नवंबर 2019 तक राज्य में 61 चीनी मिलों ने 5.21 लाख टन चीनी का उत्पादन ही किया है जबकि पिछले पेराई सीजन में राज्य की 63 चीनी मिलों ने 8.40 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। गुजरात में बेमौसम बारिश की वजह से राज्य चीनी मिलों ने करीब 20 दिन की देरी से पेराई आरंभ की है। राज्य में 14 चीनी मिलों ने पेराई आरंभ कर दी है तथा अभी तक 75 हजार चीनी का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में राज्य में 16 मिलों ने पेराई आरंभ कर दी थी, और 2.05 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था। अन्य उत्पादक राज्यों में 50 चीनी मिलों ने पेराई आरंभ की है तथा 1.41 लाख टन चीनी का उत्पादन ही हुआ है जबकि पिछले साल 60 मिलों में पेराई आरंभ हो चुकी थी तथा 2.21 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था।
चीनी मिलों पर पिछले पेराई सीजन का 5,000 करोड़ रुपये किसानों का अभी भी बकाया
इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन में चीनी मिलों ने करीब 15 लाख टन चीनी निर्यात के सौदे ईरान, श्रीलंका, अफगानिस्तान और अफ्रीकी देशों को किए हैं। चीनी के भाव उत्तर भारत में एक्स फैक्ट्री 3,250 से 3,300 रुपये और महाराष्ट्र में चीनी के एक्स फैक्ट्री भाव 3,100 से 3,250 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। गन्ना उत्पादक राज्यों के अनुसार चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का पेराई सीजन 2018-19 का 30 नवंबर 2019 तक करीब 5,000 करोड़ रुपये बकाया बचा हुआ है।
उत्पादन अनुमान पिछले साल की तुलना में कम
इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 260 लाख टन होने का ही होने का अनुमान है जबकि खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्रालय के अनुसार चालू पेराई सीजन 2019-20 में देश में चीनी का उत्पादन 273 लाख टन होने का अनुमान है जोकि पिछले पेराई सीजन 331 लाख टन से कम है। हालांकि पेराई सीजन के आरंभ में 140 लाख टन चीनी का बकाया स्टॉक बचा है, जिस कारण चीनी की कुल उपलब्धता 413 लाख टन की बैठेगी, जबकि देश में चीनी की सालाना खपत 260 लाख टन की ही होती है। ............ आर एस राणा
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