-चालू रबी में दालों की बुआई पिछे चल रही है, हालांकि व्यापारियों का मानना है कि आगे बुआई में तेजी आयेगी। कई राज्यों में अक्टूबर और नवंबर मेें बेमौसम बारिश से बुआई पिछड़ी है।
-रबी दलहन फसल की बुआई करीब 19 फीसदी पिछड़ गई है। रबी दलहन की बुआई 19.27 फीसदी पिछड़कर 71.26 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल अभी तक 88.27 लाख हेक्टेयर बुआई हो चुकी थी। चना की बुआई चालू रबी में पिछले साल के 61.91 लाख हेक्टेयर से घटकर 48.35 लाख हेक्टेयर हो हुई है।
-दलहन की बुआई में आई से केंद्र सरकार दलहन आयात का कोटा बढ़ा सकती है, इस तरह से खबर बाजार में चलाई जा रही है, जिससे दालों की कीमतों पर दबाव है।
-जानकारों के अनुसार सरकार दलहन आयात का कोटा बढ़ाती है, तो केवल उड़द और मूंग का आयात कोटा ही बढ़ेगा।
-खाद्य तेलों के आयात पर केंद्र सरकार सख्ती कर सकती है, माना जा रहा है कि रिफाइंड खाद्य तेलों के आयात को फ्री कैटेगरी से हटाकर प्रतिबंधित श्रेणी में डाल सकती है, हालांकि क्रुड पॉम तेल को फ्री कैटेगरी में ही रखने का प्रस्ताव है। उद्योग ने क्रुड और रिफाइंड तेल के आयात शुल्क अंतर को भी बढ़ाने की मांग की है, अगर ऐसा होता है खाद्य तेलों की कीमतों में सुधार बन सकता है।
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