आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू खरीफ विपणन सीजन में कॉटन कारपोरेशन आफ इंडिया (सीसीआई) ने समर्थन मूल्य पर मात्र दो लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास की खरीद ही की है जोकि अभी तक हुई कुल आवक का मात्र 6 फीसदी है। सरकारी खरीद के अभाव में किसानों को समर्थन मूल्य से 400 से 500 रुपये नीचे दाम पर कपास बेचनी पड़ रही है, जिससे उन्हें भारी घाटा उठाना पड़ रहा है।
सीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चालू सीजन में 24 नवंबर तक उत्पादक मंडियों में 32 लाख गांठ कपास की आवक हो चुकी है जिसमें से निगम ने केवल दो लाख गांठ की खरीद ही की है। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा खरीद तेलंगाना से राज्य सरकार की एजेंसी के साथ 1.20 लाख गांठ कपास खरीदी है, जबकि अन्य राज्यों में 22 हजार गाांठ कपास की खरीद पंजाब से, 19 हजार गांठ राजस्थान से, 13 हजार गांठ गुजरात से और 12 हजार गांठ की खरीद हरियाणा से की है। इसके अलावा कर्नाटक से भी थोड़ी खरीद की गई है। उन्होंने बताया कि उत्पादक मंडियों में आ रही कपास में नमी की मात्रा ज्यादा आ रही है जिस कारण खरीद सीमित मात्रा में ही की जा रही है। पिछले साल 24 नवंबर तक उत्पादक मंडियों में 36 लाख गांठ कपास की आवक हो चुकी थी। पिछले फसल सीजन में निगम ने एमएसपी पर 10.70 लाख गांठ कपास की खरीद की थी, जिसमें से 1.70 लाख गांठ बेची गई है।
व्यापारियों को नीचे दाम पर बेच रहे किसान कपास
महाराष्ट्र के जिला परभणी के सोनपेठ के कपास किसान सुधीर बिंदू ने बताया कि सीसीआई खरीद नाममात्र की ही कर रही है जिस कारण व्यापारियों को 4,900 से 5,100 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर कपास बेचनी पड़ रही है जबकि केंद्र सरकार ने चालू खरीफ विपणन सीजन 2019-20 के लिए मीडियम स्टेपल कपास का समर्थन मूल्य 5,255 रुपये और लॉन्ग स्टेपल का 5,550 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। सीसीआई के एक अधिकारी के अनुसार निगम ने 8 फीसदी नमी यूक्त कपास की खरीद 5,550 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कर रही है, तथा 12 फीसदी नमी युक्त कपास की खरीद निगम 5,328 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कर रही है। इससे ज्यादा नमी होने पर निगम खरीद नहीं कर रही है।
विश्व बाजार में कीमतें नीची होने से निर्यात सौदे कम
राजस्थान की अलवर मंडी के कपास के थोक कारोबारी ने बताया कि उत्पादक मंडियों में कपास के भाव 4,950 से 5,200 रुपये प्रति क्विंटल (क्वालिटी के अनुसार) चल रहे हैं तथा आगे कपास की दैनिक आवक बढ़ने का अनुमान है। विश्व बाजार में कपास दाम नीचे बने हुए हैं, जिस कारण निर्यात सौदे भी सीमित मात्रा में ही हो रहे हैं। न्यूयार्क कॉटन के दिसंबर वायदा में कपास के भाव 27 नवंबर को 64.91 सेंट प्रति पाउंड रहे, जबकि 18 अक्टूबर को इसके भाव 64.99 सेंट प्रति पाउंड थे। उन्होंने बताया कि बेमौसम बारिश से महाराष्ट्र और गुजरात में कपास की फसल की आवक में देरी हुई है, साथ ही क्वालिटी भी प्रभावित हुई है।
कपास का उत्पादन अनुमान ज्यादा
कृषि मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2019-20 में कपास का उत्पादन 322.67 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 287.08 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था। कपास की बुआई चालू खरीफ में 127.67 लाख हेक्टेयर में हुई थी, जोकि इसके पिछले साल के 121.05 लाख हेक्टेयर से ज्यादा थी। उद्योग के अनुसार चालू फसल सीजन में कपास का उत्पादन 13.62 फीसदी बढ़कर 354.50 लाख गांठ होने का अनुमान है।.......... आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू खरीफ विपणन सीजन में कॉटन कारपोरेशन आफ इंडिया (सीसीआई) ने समर्थन मूल्य पर मात्र दो लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास की खरीद ही की है जोकि अभी तक हुई कुल आवक का मात्र 6 फीसदी है। सरकारी खरीद के अभाव में किसानों को समर्थन मूल्य से 400 से 500 रुपये नीचे दाम पर कपास बेचनी पड़ रही है, जिससे उन्हें भारी घाटा उठाना पड़ रहा है।
सीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चालू सीजन में 24 नवंबर तक उत्पादक मंडियों में 32 लाख गांठ कपास की आवक हो चुकी है जिसमें से निगम ने केवल दो लाख गांठ की खरीद ही की है। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा खरीद तेलंगाना से राज्य सरकार की एजेंसी के साथ 1.20 लाख गांठ कपास खरीदी है, जबकि अन्य राज्यों में 22 हजार गाांठ कपास की खरीद पंजाब से, 19 हजार गांठ राजस्थान से, 13 हजार गांठ गुजरात से और 12 हजार गांठ की खरीद हरियाणा से की है। इसके अलावा कर्नाटक से भी थोड़ी खरीद की गई है। उन्होंने बताया कि उत्पादक मंडियों में आ रही कपास में नमी की मात्रा ज्यादा आ रही है जिस कारण खरीद सीमित मात्रा में ही की जा रही है। पिछले साल 24 नवंबर तक उत्पादक मंडियों में 36 लाख गांठ कपास की आवक हो चुकी थी। पिछले फसल सीजन में निगम ने एमएसपी पर 10.70 लाख गांठ कपास की खरीद की थी, जिसमें से 1.70 लाख गांठ बेची गई है।
व्यापारियों को नीचे दाम पर बेच रहे किसान कपास
महाराष्ट्र के जिला परभणी के सोनपेठ के कपास किसान सुधीर बिंदू ने बताया कि सीसीआई खरीद नाममात्र की ही कर रही है जिस कारण व्यापारियों को 4,900 से 5,100 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर कपास बेचनी पड़ रही है जबकि केंद्र सरकार ने चालू खरीफ विपणन सीजन 2019-20 के लिए मीडियम स्टेपल कपास का समर्थन मूल्य 5,255 रुपये और लॉन्ग स्टेपल का 5,550 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। सीसीआई के एक अधिकारी के अनुसार निगम ने 8 फीसदी नमी यूक्त कपास की खरीद 5,550 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कर रही है, तथा 12 फीसदी नमी युक्त कपास की खरीद निगम 5,328 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कर रही है। इससे ज्यादा नमी होने पर निगम खरीद नहीं कर रही है।
विश्व बाजार में कीमतें नीची होने से निर्यात सौदे कम
राजस्थान की अलवर मंडी के कपास के थोक कारोबारी ने बताया कि उत्पादक मंडियों में कपास के भाव 4,950 से 5,200 रुपये प्रति क्विंटल (क्वालिटी के अनुसार) चल रहे हैं तथा आगे कपास की दैनिक आवक बढ़ने का अनुमान है। विश्व बाजार में कपास दाम नीचे बने हुए हैं, जिस कारण निर्यात सौदे भी सीमित मात्रा में ही हो रहे हैं। न्यूयार्क कॉटन के दिसंबर वायदा में कपास के भाव 27 नवंबर को 64.91 सेंट प्रति पाउंड रहे, जबकि 18 अक्टूबर को इसके भाव 64.99 सेंट प्रति पाउंड थे। उन्होंने बताया कि बेमौसम बारिश से महाराष्ट्र और गुजरात में कपास की फसल की आवक में देरी हुई है, साथ ही क्वालिटी भी प्रभावित हुई है।
कपास का उत्पादन अनुमान ज्यादा
कृषि मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2019-20 में कपास का उत्पादन 322.67 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 287.08 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था। कपास की बुआई चालू खरीफ में 127.67 लाख हेक्टेयर में हुई थी, जोकि इसके पिछले साल के 121.05 लाख हेक्टेयर से ज्यादा थी। उद्योग के अनुसार चालू फसल सीजन में कपास का उत्पादन 13.62 फीसदी बढ़कर 354.50 लाख गांठ होने का अनुमान है।.......... आर एस राणा
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