महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में बेमौसम ओलावृष्टि और भारी बारिश होने से रबी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। राज्य के कृषि निदेशालय के अधिकारियों के अनुसार जालना, बीड, अमरावती, बुल्धाना, वाशिम, अकोला और आसपास के इलाकों में ओलावृष्टि से गेहूं, अंगूर, चना और आम की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। सुबह साढ़े सात बजे से ओलावृष्टि शुरू हुई और यह आधे घंटे तक लगातार जारी रही।
जालना व कुछ अन्य हिस्सों पर महज 15 मिनट तक ओलावृष्टि हुई लेकिन इतने में ही ऐसा दृश्य सामने आया कि हरे-भरे खेत कश्मीर की घाटी की तरह जैसे बर्फ की चादर से ढंक गए। किसानों ने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा से चना, नारंगी, केला, ज्वार, गेहूं और आम व अन्य फसलें तबाह हो गई। कुछ जगहों पर टेनिस की गेंद के आकार के ओले पड़े, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई।
मृतकों की पहचान वाशिम के यमुना हुमबड़ और जालना के नामदेव शिंदे (70) के रूप में हुई हैै। वाशिम में दो लोग घायल भी हुए हैं। महाराष्ट्र सरकार ने इस प्राकृतिक आपदा के तुरंत बाद सक्रियता दिखाई और राज्य के कृषि मंत्री ने सभी किसानों को उनकी तबाह हुई फसलों के लिए मुआवजा देने की घोषणा की।
उधर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित कई इलाकों में तेज आंधी के साथ भारी बारिश और ओले गिरे। प्रदेश के सीहोर, विदिशा, होशंगाबाद, गुना, राजगढ़, हरदा बैतूल और रायसेन सहित अन्य कई इलाकों में हुई बारिश और ओलावृष्टि से चना, सरसों और गेंहू की खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
मौसम विभाग के अनुसार उत्तर भारत में भी आंधी—तूफान और ओलावृष्ठि की संभावना है।
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