आर एस राणा
नई दिल्ली। गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसलिए चीनी मिलों को राहत देने के लिए निर्यात शुल्क में भी कमी करने पर सरकार विचार कर रही है। केंद्रीय उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता में कहां कि हमने चीनी आयात को पूरी तरह से रोकने के लिए आयात शुल्क 50 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी कर दिया है। निर्यात शुल्क को हटाने के साथ ही उद्योग की कई मांगे हैं जिन पर सरकार विचार कर रही है। चीनी के निर्यात पर इस समय 20 फीसदी निर्यात शुल्क है।
उन्होंने बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में आईटी का प्रयोग करके पारदर्शिता लाई गई है और सस्ता अनाज सही लाभार्थी तक पहुंचे, इसे सुनिश्चित करने के लिए राशनकार्डों को आधार से जोड़ा गया है। इस अभियान से 2 करोड़ 75 लाख फर्जी, डुप्लीकेट और अवैध ढंग से बने राशनकार्डों की छंटनी की गई है।
उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने 2014 के चुनाव से पूर्व महंगाई पर नियंत्रण करने का जनता से वादा किया था, जिसे पिछले तीन वर्षों में कर दिखाया है। केंद्रीय पूल में दालों का बफर स्टॉक उपलब्ध है, जिसे बाजार मूल्यों को स्थिर रखने के लिए खुले बाजार में निविदा के माध्यम से बेचा भी जा रहा है।
उन्होंने बताया कि उपभोक्ता संरक्षण विधेयक संसद में प्रस्तुत किया जा चुका है और इसे शीघ्र ही पारित करवा कर कानूनी रूप दिया जाएगा। उपभोक्ता शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हैल्पलाइन के काउंटर 40 से बढ़ा कर 60 कर दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त 6 शहरों में क्षेत्रीय उपभोक्ता हैल्पलाइनें भी स्थापित कर दी गई हैं। लीगल मेट्रोलॉजी के माध्यम से जनता को सही मात्रा और सही एमआरपी पर वस्तुएं और सेवाएं प्राप्त हों, इसे सुनिश्चित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि आम बजट 2018—19 में खाद्य विभाग के लिए 2,24,159.10 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जो वर्ष 2017-18 के 1,96,809.22 करोड़ रुपए से लगभग 14 फीसदी अधिक है। इसी प्रकार उपभोक्ता मामले विभाग के लिए इस वर्ष 1,804.52 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
देश में रिकॉर्ड खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है। वर्ष 2017-18 में 275 मिलियन टन खाद्यान्न और 300 मिलियन टन से अधिक फलों का उत्पादन हुआ है। किसानों के कल्याण के लिए हमारी सरकार ने निरन्तर प्रयास किए हैं, जिन्हें इस बजट में भी जारी रखा गया है और किसानों को उनकी लागत के डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिए जाने के लिए बजट में किए गए प्रावधान से उनकी आय में बढ़ोतरी होगी। ........... आर एस राणा
नई दिल्ली। गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसलिए चीनी मिलों को राहत देने के लिए निर्यात शुल्क में भी कमी करने पर सरकार विचार कर रही है। केंद्रीय उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता में कहां कि हमने चीनी आयात को पूरी तरह से रोकने के लिए आयात शुल्क 50 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी कर दिया है। निर्यात शुल्क को हटाने के साथ ही उद्योग की कई मांगे हैं जिन पर सरकार विचार कर रही है। चीनी के निर्यात पर इस समय 20 फीसदी निर्यात शुल्क है।
उन्होंने बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में आईटी का प्रयोग करके पारदर्शिता लाई गई है और सस्ता अनाज सही लाभार्थी तक पहुंचे, इसे सुनिश्चित करने के लिए राशनकार्डों को आधार से जोड़ा गया है। इस अभियान से 2 करोड़ 75 लाख फर्जी, डुप्लीकेट और अवैध ढंग से बने राशनकार्डों की छंटनी की गई है।
उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने 2014 के चुनाव से पूर्व महंगाई पर नियंत्रण करने का जनता से वादा किया था, जिसे पिछले तीन वर्षों में कर दिखाया है। केंद्रीय पूल में दालों का बफर स्टॉक उपलब्ध है, जिसे बाजार मूल्यों को स्थिर रखने के लिए खुले बाजार में निविदा के माध्यम से बेचा भी जा रहा है।
उन्होंने बताया कि उपभोक्ता संरक्षण विधेयक संसद में प्रस्तुत किया जा चुका है और इसे शीघ्र ही पारित करवा कर कानूनी रूप दिया जाएगा। उपभोक्ता शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हैल्पलाइन के काउंटर 40 से बढ़ा कर 60 कर दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त 6 शहरों में क्षेत्रीय उपभोक्ता हैल्पलाइनें भी स्थापित कर दी गई हैं। लीगल मेट्रोलॉजी के माध्यम से जनता को सही मात्रा और सही एमआरपी पर वस्तुएं और सेवाएं प्राप्त हों, इसे सुनिश्चित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि आम बजट 2018—19 में खाद्य विभाग के लिए 2,24,159.10 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जो वर्ष 2017-18 के 1,96,809.22 करोड़ रुपए से लगभग 14 फीसदी अधिक है। इसी प्रकार उपभोक्ता मामले विभाग के लिए इस वर्ष 1,804.52 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
देश में रिकॉर्ड खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है। वर्ष 2017-18 में 275 मिलियन टन खाद्यान्न और 300 मिलियन टन से अधिक फलों का उत्पादन हुआ है। किसानों के कल्याण के लिए हमारी सरकार ने निरन्तर प्रयास किए हैं, जिन्हें इस बजट में भी जारी रखा गया है और किसानों को उनकी लागत के डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिए जाने के लिए बजट में किए गए प्रावधान से उनकी आय में बढ़ोतरी होगी। ........... आर एस राणा
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