आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पाकिस्तान से हो रहे चीनी के आयात सौदों को रोकने के लिए आयात शुल्क को 50 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी किया है। पाकिस्तान से वाघा—अटारी बार्डर के जरिए गत सप्ताह 5,000—6,000 टन की खेप भारत पहुंच थी। पाकिस्तान में पंजाब प्रांत की चीनी मिलों को वहां की सरकार चीनी निर्यात पर सब्सिडी दे रही है।
पाकिस्तान में चीनी का उत्पादन ज्यादा होने का अनुमान है, साथ ही पिछले साल का बकाया स्टॉक भी ज्यादा है। इसीलिए वहां की चीनी मिलों को पाकिस्तान सरकार निर्यात पर सब्सिडी दे रही है। पाकिस्तान से वाघा—अटारी बार्डर के रास्ते सड़क मार्ग से चीनी आयात पर पविहन लागत भी कम आती है। भारत के पंजाब के अमृतसर में गत सप्ताह पाकिस्तान से 5,000 से 6,000 टन चीनी आई है। सूत्रों के अनुसार अमृतसर पहुंच इस चीनी का भाव 3,250 से 3,300 रुपये प्रति क्विंटल है। ऐसे में उद्योग को डर था कि कहीं आयात सौदे ज्यादा मात्रा में ना हो जाए, इसलिए सरकार से आयात शुल्क को 50 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी करने की मांग की थी, जिसे केंद्र सरकार ने मान लिया।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन 2017—18 में चीनी का उत्पादन बढ़कर 261 लाख टन होने का अनुमान है जबकि देश में चीनी की सालाना खपत 245 से 250 लाख टन की होती है। पेराई सीजन 2016—17 में चीनी का उत्पादन केवल 203 लाख टन का ही हुआ था। नए पेराई सीजन के आरंभ में पहली अक्टूबर 2017 को घरेलू बाजार में करीब 40 लाख टन चीनी का बकाया स्टॉक बचा भी हुआ था। अत: कुल उपलब्धता खपत की तुलना में ज्यादा होने से घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों मेंं गिरावट बनी हुई थी।
चीनी की कीमतों में गिरावट का असर चीनी मिलों द्वारा किसानों को किए जाने वाले भुगतान पर भी पड़ा है, तथा चीनी मिलों पर किसानों के बकाया की राशि लगातार बढ़ रही है। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार चीनी के निर्यात की संभावना भी तलाश रही है, इसके लिए निर्यात शुल्क को भी शून्य कर सकती है। इस समय चीनी के निर्यात पर 20 फीसदी का निर्यात शुल्क है। चीनी मिलों द्वारा चीनी बेचने के नियमों को भी केंद्र सरकार सख्त कर सकती है जिससे घरेलू बाजार में चीनी की उपलब्धता जरुरत से ज्यादा नहीं हो।
केंद्र सरकार द्वारा चीनी के आयात शुल्क को 100 फीसदी कर देने से घरेलू बाजारों में चीनी की कीमतों में हल्का सुधार आया है। उत्तर प्रदेश में चीनी के एक्स फैक्ट्री भाव 3,175 से 3,250 रुपये, महाराष्ट्र में 2,850 से 2,950 रुपये और दिल्ली में 3,375 से 3,450 रुपये प्रति क्विंटल (टैक्स अगल) हो गए। चीनी में मांग को देखते हुए इसकी कीमतों में हल्का सुधार और भी आ सकता है। ............ आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पाकिस्तान से हो रहे चीनी के आयात सौदों को रोकने के लिए आयात शुल्क को 50 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी किया है। पाकिस्तान से वाघा—अटारी बार्डर के जरिए गत सप्ताह 5,000—6,000 टन की खेप भारत पहुंच थी। पाकिस्तान में पंजाब प्रांत की चीनी मिलों को वहां की सरकार चीनी निर्यात पर सब्सिडी दे रही है।
पाकिस्तान में चीनी का उत्पादन ज्यादा होने का अनुमान है, साथ ही पिछले साल का बकाया स्टॉक भी ज्यादा है। इसीलिए वहां की चीनी मिलों को पाकिस्तान सरकार निर्यात पर सब्सिडी दे रही है। पाकिस्तान से वाघा—अटारी बार्डर के रास्ते सड़क मार्ग से चीनी आयात पर पविहन लागत भी कम आती है। भारत के पंजाब के अमृतसर में गत सप्ताह पाकिस्तान से 5,000 से 6,000 टन चीनी आई है। सूत्रों के अनुसार अमृतसर पहुंच इस चीनी का भाव 3,250 से 3,300 रुपये प्रति क्विंटल है। ऐसे में उद्योग को डर था कि कहीं आयात सौदे ज्यादा मात्रा में ना हो जाए, इसलिए सरकार से आयात शुल्क को 50 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी करने की मांग की थी, जिसे केंद्र सरकार ने मान लिया।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन 2017—18 में चीनी का उत्पादन बढ़कर 261 लाख टन होने का अनुमान है जबकि देश में चीनी की सालाना खपत 245 से 250 लाख टन की होती है। पेराई सीजन 2016—17 में चीनी का उत्पादन केवल 203 लाख टन का ही हुआ था। नए पेराई सीजन के आरंभ में पहली अक्टूबर 2017 को घरेलू बाजार में करीब 40 लाख टन चीनी का बकाया स्टॉक बचा भी हुआ था। अत: कुल उपलब्धता खपत की तुलना में ज्यादा होने से घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों मेंं गिरावट बनी हुई थी।
चीनी की कीमतों में गिरावट का असर चीनी मिलों द्वारा किसानों को किए जाने वाले भुगतान पर भी पड़ा है, तथा चीनी मिलों पर किसानों के बकाया की राशि लगातार बढ़ रही है। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार चीनी के निर्यात की संभावना भी तलाश रही है, इसके लिए निर्यात शुल्क को भी शून्य कर सकती है। इस समय चीनी के निर्यात पर 20 फीसदी का निर्यात शुल्क है। चीनी मिलों द्वारा चीनी बेचने के नियमों को भी केंद्र सरकार सख्त कर सकती है जिससे घरेलू बाजार में चीनी की उपलब्धता जरुरत से ज्यादा नहीं हो।
केंद्र सरकार द्वारा चीनी के आयात शुल्क को 100 फीसदी कर देने से घरेलू बाजारों में चीनी की कीमतों में हल्का सुधार आया है। उत्तर प्रदेश में चीनी के एक्स फैक्ट्री भाव 3,175 से 3,250 रुपये, महाराष्ट्र में 2,850 से 2,950 रुपये और दिल्ली में 3,375 से 3,450 रुपये प्रति क्विंटल (टैक्स अगल) हो गए। चीनी में मांग को देखते हुए इसकी कीमतों में हल्का सुधार और भी आ सकता है। ............ आर एस राणा
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