आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार चीनी की कीमतों में सुधार लाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है ताकि किसानों के बकाया भुगतान में तेजी आ सके। केंद्र सरकार ने अब चीनी की बिक्री के लिए मिलों पर सीमा तय कर दी है। अत: फरवरी और मार्च में मिलें चीनी की बिक्री तय सीमा के आधार पर कर सकेंगी, जिससे की बाजार में चीनी की उपलब्धता जरुरत से ज्यादा नहीं हो। इससे चीनी की कीमतों में सुधार आने का अनुमान है।
केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार फरवरी में चीनी मिलें पिछले महीने के बकाया स्टॉक तथा फरवरी में कुल उत्पादन की केवल 17 फीसदी चीनी ही बाजार में बेच सकेगी। अत: चीनी मिलों को कुल स्टॉक का 83 फीसदी स्टॉक अपने पास रखना अनिवार्य होगा। इसी तरह से मार्च में चीनी मिलें फरवरी के बकाया स्टॉक तथा मार्च में उत्पादन को मिलाकर कुल स्टॉक की केवल 16 फीसदी ही चीनी बाजार में बेच सकेंगी। अत: चीनी मिलों को कुल स्टॉक की 84 फीसदी चीनी अपने पास रखनी होगी।
इससे पहले केंद्र सरकार ने चीनी के आयात को रोकने के लिए आयात पर शुल्क को 50 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी कर दिया था।
उत्तर प्रदेश में चीनी के एक्स फैक्ट्री भाव गुरुवार को 3,175 से 3,250 रुपये, महाराष्ट्र में 2,850 से 2,950 रुपये और दिल्ली में 3,375 से 3,450 रुपये प्रति क्विंटल (टैक्स अगल) रहे।केंद्र सरकार द्वारा चीनी मिलों पर कोटा तय करने से बाजार में अनावश्यक सप्लाई रुक जायेगी, जिससे इसकी कीमतों में 50 से 100 रुपये की तेजी आने का अनुमान है।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन 2017—18 में चीनी का उत्पादन बढ़कर 261 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले पेराई सीजन 2016—17 में केवल 203 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। ........ आर एस राणा
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