वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट 2018—19 में घोषणा की थी कि देश से एग्री उत्पादों के निर्यात को बढ़ाकर 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाया जा सकता है, जोकि इस समय केवल 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। इसको असली जामा पहनाने के लिए
सरकार जल्दी ही एग्री उत्पादों के निर्यात की नई पॉलिसी लाने जा रही है।
सूत्रों के अनुसार एग्री उत्पादों की नई पॉलिसी का पूरा खाका तैयार किया जा चुका है। एग्री उत्पादों की नई पॉलिसी आने से किसानों को फायदा होगा। माना जा रहा है कि यह प्रस्ताव मार्च के आखिर तक कैबिनेट के पास भेजा जायेगा। पॉलिसी के ड्रॉप्ट को अगले सप्ताह आॅनलाइन कंसल्टेशन के लिए डाला जायेगा।
इस पॉलिसी में किसानों के लिए ऋण की सुविधा के साथ ही एग्री उत्पादों के भंडारण की व्यवस्था, सस्ती परिवहन सुविधा की व्यवस्था के अलावा कोल्ड चेन वेयर हाउस के लिए 20 फीसदी तक प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की जायेगी। चाय, फसल, सब्जियों के साथ ही मरीन उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा दिया जायेगा।
देशभर में एग्री उत्पादों से जुड़े करीब 50 कलस्टर बनाने के साथ ही क्लस्टर बेस्ड एग्री उत्पादों को बढ़ावा देने पर फोकस होगा। इस पॉलिसी में केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकारें, व्यापारी और किसान तथा अनुसंधान संस्थान मिलकर काम करेंगे। सूत्रों के अनुसार इस प्रस्ताव को मार्च के आखिर तक कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जायेगा।
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