आर एस राणा
नई दिल्ली। विदेशी बाजार में कपास की कीमतों में आई गिरावट से चालू फसल सीजन 2017—18 में इसके कुल निर्यात में कमी आने की आशंका है। चालू सीजन में निर्यात घटकर 50 से 55 लाख गांठ (एक गांठ—170 किलोग्राम) ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 63 लाख गांठ का निर्यात हुआ था। फसल सीजन 2017—18 में अभी तक केवल 24 से 25 लाख गांठ कपास के निर्यात सौदे हुए हैं। अत: निर्यात में कमी आई तो घरेलू बाजार में इसके भाव घटेंगे, जिसका नुकसान कपास किसानों को उठाना पड़ सकता है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सप्ताहभर में कपास की कीमतों में करीब 4 फीसदी की गिरावट आकर न्यूयार्क एक्सचेंज में भाव 77.3 सेंट प्रति पाउंड रह गए जबकि 26 जनवरी को इसके भाव उपर में 83 सेंट प्रति पाउंड हो गए थे।
नार्थ इंडिया कॉटन एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश राठी ने बताया कि विदेशी बाजार में भाव कम होने के निर्यात मांग में भी कमी आई है। विश्व बाजार में कपास की उपलब्धता ज्यादा है इसलिए हमारे यहां से कुल निर्यात में भी कमी आने की आशंका है। पिछले साल देश से 63 लाख गांठ का निर्यात हुआ था जबकि चालू सीजन में 50 से 55 लाख गांठ का ही निर्यात होने का अनुमान है।
निर्यातकों की मांग कम होने से घरेलू मंडियों में भी कपास की कीमतों में कमी आई है। अहमदाबाद में शंकर 6 किस्म की कपास के भाव घटकर शनिवार को 40,500 से 41,000 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी—356 किलो) रह गए जबकि 27 जनवरी को इसका भाव 42,500 से 43,000 रुपये प्रति कैंडी था।
कॉटन कारपोरेशन आफ इंडिया (सीसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चालू खरीफ विपणन सीजन 2017—18 में निगम ने 6.25 लाख गांठ कपास की खरीद की है। इसमें से 3.67 लाख गांठ कपास की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और बाकि की खरीद कार्मिशयल रुप में की गई है। उन्होंने बताया कि 30 जनवनी 2018 तक उत्पादक मंडियों में 176.52 लाख गांठ कपास की आवक हो चुकी है।
कॉटन एडवाईजरी बोर्ड (सीएबी) के अनुसार चालू फसल सीजन 2017—18 में कपास का उत्पादन बढ़कर 377 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 345 लाख गांठ का हुआ था। ............. आर एस राणा
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