आर एस राणा
नई दिल्ली। तेलंगाना के साथ ही महाराष्ट्र में पिंक बॉलवर्म नामक बीमारी लगने से कपास के उत्पादन अनुमान में कमी आने की आशंका है। कॉटन एसोसिएशन आॅफ इंडिया (सीएआई) के अनुसार चालू फसल सीजन 2017—18 में कपास का उत्पादन घटकर 367 लाख गांठ (एक गांठ—170 किलोग्राम) ही होने का अनुमान है जबकि पहले अनुमान 375 लाख गांठ का था।
सीएआई के अध्यक्ष अतुल एस. गणात्रा ने आउटलुक को बताया कि तेलंगाना के साथ ही महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में पिंग बॉलवर्म नामक बीमारी लगने से राज्य सरकारों ने कपास किसानों के लिए एडजवारी जारी कर दी थी, जिसकी वजह से किसानों ने जल्दी फसल को खेतों से निकाल लिया। अत: पहले के उत्पादन अनुमान 375 लाख गांठ में 8 लाख गांठ की कमी आकर कुल उत्पादन 367 लाख गांठ का ही होने की अनुमान है। फसल सीजन 2016—17 में कपास का उत्पादन 337.25 लाख गांठ का हुआ था।
उत्पादक राज्यों में कपास की दैनिक आवक करीब 1.50 लाख गांठ से ज्यादा हो रही है, माना जा रहा है कि मार्च के मध्य तक आवक कम हो जायेगी। इसलिए कपास की कीमतों में मार्च में सुधार आने की संभावना है।
बीस लाख गांठ के हो चुके हैं निर्यात सौदे
उन्होंने बताया कि इस समय विश्व बाजार में भारतीय कपास सबसे सस्ती है तथा चालू फसल सीजन में पहली अक्टूबर 2017 से 31 जनवरी 2018 तक करीब 20 लाख गांठ कपास के निर्यात सौदे हो चुके हैं। आईईसी न्यूयार्क में कपास का भाव 76.68 सेंट प्रति पाउंड है। चालू फसल सीजन में कपास का कुल निर्यात करीब 55 लाख गांठ होने का अनुमान है। कपास की घरेलू खपत करीब 320 लाख गांठ होने का अनुमान है। ऐसे में नई फसल की आवक के समय 30 सितंबर 2018 को 42 लाख गांठ कपास का बकाया स्टॉक बचेगा।
आयात में कमी आने का अनुमान
उन्होंने बताया कि घरेलू मंडियों में कपास के भाव नीचे हैं इसलिए चालू फसल सीजन में कपास के आयात में कमी आने की आशंका है। चालू फसल सीजन में कपास का कुल आयात घटकर 20 लाख गांठ ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका आयात 30 लाख गांठ का हुआ था। पहली अक्टूबर से जनवरी के आखिर तक करीब 7—8 लाख गांठ कपास का आयात हो चुका है।
कपास की कुल आवक ज्यादा
चालू सीजन में उत्पादक मंडियों में जनवरी के आखिर तक 211 लाख गांठ कपास की आवक हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी आवक केवल 157.75 लाख गांठ की ही हुई थी। ............. आर एस राणा
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