आर एस राणा
नई दिल्ली। उत्पादाक राज्यों की मंडियों में चना की नई फसल की आवक बढ़ने से पहले ही भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे आ गए हैं। केंद्र सरकार ने रबी विपणन सीजन 2017—18 के लिए चना का एमएसपी 4,400 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) तय किया हुआ है लेकिन कर्नाटका की गुलबर्गा मंडी में सोमवार को चना के भाव 3,700 से 4,225 रुपये प्रति क्विंटल, महाराष्ट्र की लातूर मंडी में 3,600 से 3,700 रुपये और मध्य प्रदेश की इंदौर मंडी में चना के भाव 3,700 से 3,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। आस्ट्रेलिया से आयातित चना के भाव मुंबई में 3,900 से 3,925 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
दक्षिण भारत के राज्यों कर्नाटका, आंध्रप्रदेश के साथ महाराष्ट्र की मंडियों में नए चना की दैनिक आवक शुरु हो गई है। चालू रबी में इन राज्यों में बुवाई में बढ़ोतरी हुई है, अत: आगामी दिनों में दैनिक आवक बढ़ेगी। इसलिए चना की कीमतों में और मंदा आने का अनुमान है। कीमतों में गिरावट रोकने के लिए केंद्र सरकार ने चना के आयात पर 30 फीसदी का आयातशुल्क भी लगाया, लेकिन इसके बावजूद भी भाव में गिरावट बनी हुई है। चालू वित्त वर्ष 2017—18 के पहले सात महीनों अप्रैल से अक्टूबर के दौरान चना का आयात 5.84 लाख टन का हुआ है जोकि पिछले वित्त वर्ष 2016—17 की समान अवधि के मुकाबले 430 फीसदी ज्यादा है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में चना की बुवाई बढ़कर 103.79 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई केवल 92.12 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई थी। बुवाई में हुई बढ़ोतरी से चालू रबी में चना की पैदावार कृषि मंत्रालय के तय अनुमान 97.5 लाख टन से ज्यादा ही होने का अनुमान है। फसल सीजन 2016—17 में चना का उत्पादन 93.3 लाख टन का हुआ था।
प्रमुख उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में चना की बुवाई बढ़कर चालू रबी में 35.23 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई केवल 29.19 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई थी। महाराष्ट्र में चना की बुवाई बढ़कर 18.07 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 17.73 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। कर्नाटका में चना की बुवाई बढ़कर 13.80 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल केवल 10.81 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। राजस्थान में चना की बुवाई 15.06 लाख हैक्टेयर में, उत्तर प्रदेश में 5.54 लाख हैक्टेयर में और आंध्रप्रदेश में 4.99 लाख हैक्टेयर में इसकी बुवाई हो चुकी है। ....... आर एस राणा
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