आर एस राणा
नई दिल्ली। हाल ही में हुई बारिश के साथ—साथ सर्दी बढ़ने से रबी की प्रमुख फसल गेहूं के साथ ही जौ और चना की फसल को फायदा होगा। उत्तर भारत के पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान के कई जिलों में हुई हल्की बारिश से गेहूं में एक पानी की बचत भी हो गई जिसका फायदा किसानों को हुआ है।
गेहूं अनुसंधान निदेशालय (डीडब्ल्यूआर) के निदेशक डॉ जी पी सिंह ने आउटलुक को बताया कि चालू सप्ताह में प्रमुख उत्पादक राज्यों में हल्की बारिश हुई है, साथ ही जम्मू—कश्मीर और हिमाचल में बर्फबारी हुई है जिससे ठंड बढ़ी है। अत: बारिश के साथ ही ठंड बढ़ने से गेहूं के साथ अन्य रबी फसलों जौ और चना को भी फायदा होगा। इससे गेहूं के पौधों की ग्रोथ बढ़ेगी।
उन्होंने बताया कि गेहूं की बुवाई चालू रबी में 298.67 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है। हालांकि फाइनल आंकड़े अभी नहीं आए हैं, अत: फाइनल आंकड़े आने पर गेहूं की बुवाई चालू रबी में 305 लाख हैक्टेयर के करीब होने का अनुमान है। मध्य प्रदेश में किसानों ने गेहूं के बजाए चना और मसूर की बुवाई ज्यादा की है इसलिए गेहूं की बुवाई में मध्य प्रदेश में कमी आई है।
उत्पादन अनुमान के बारे में उन्होंने बताया कि अभी आकलंन करना जल्दबाजी होगी, लेकिन हाल ही में जो बारिश हुई है इससे अगले 15 दिनों तक मौसम ठंडा रहेगा। अभी तक गेहूं की फसल सभी उत्पादक राज्यों में काफी अच्छी है तथा उत्पादन कृषि मंत्रालय के तय लक्ष्य 975 लाख टन से ज्यादा ही होने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय के अनुसार फसल सीजन 2016—17 में गेहूं का उत्पादन 983.8 लाख टन का हुआ था।
मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में जौ की बुवाई 7.59 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुवाई 8.13 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। चना की बुवाई चालू रबी में बढ़कर 106.23 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई केवल 98.47 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। हालांकि सरसों की बुवाई चालू रबी में घटकर 66.60 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 70.12 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। ............... आर एस राणा
नई दिल्ली। हाल ही में हुई बारिश के साथ—साथ सर्दी बढ़ने से रबी की प्रमुख फसल गेहूं के साथ ही जौ और चना की फसल को फायदा होगा। उत्तर भारत के पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान के कई जिलों में हुई हल्की बारिश से गेहूं में एक पानी की बचत भी हो गई जिसका फायदा किसानों को हुआ है।
गेहूं अनुसंधान निदेशालय (डीडब्ल्यूआर) के निदेशक डॉ जी पी सिंह ने आउटलुक को बताया कि चालू सप्ताह में प्रमुख उत्पादक राज्यों में हल्की बारिश हुई है, साथ ही जम्मू—कश्मीर और हिमाचल में बर्फबारी हुई है जिससे ठंड बढ़ी है। अत: बारिश के साथ ही ठंड बढ़ने से गेहूं के साथ अन्य रबी फसलों जौ और चना को भी फायदा होगा। इससे गेहूं के पौधों की ग्रोथ बढ़ेगी।
उन्होंने बताया कि गेहूं की बुवाई चालू रबी में 298.67 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है। हालांकि फाइनल आंकड़े अभी नहीं आए हैं, अत: फाइनल आंकड़े आने पर गेहूं की बुवाई चालू रबी में 305 लाख हैक्टेयर के करीब होने का अनुमान है। मध्य प्रदेश में किसानों ने गेहूं के बजाए चना और मसूर की बुवाई ज्यादा की है इसलिए गेहूं की बुवाई में मध्य प्रदेश में कमी आई है।
उत्पादन अनुमान के बारे में उन्होंने बताया कि अभी आकलंन करना जल्दबाजी होगी, लेकिन हाल ही में जो बारिश हुई है इससे अगले 15 दिनों तक मौसम ठंडा रहेगा। अभी तक गेहूं की फसल सभी उत्पादक राज्यों में काफी अच्छी है तथा उत्पादन कृषि मंत्रालय के तय लक्ष्य 975 लाख टन से ज्यादा ही होने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय के अनुसार फसल सीजन 2016—17 में गेहूं का उत्पादन 983.8 लाख टन का हुआ था।
मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में जौ की बुवाई 7.59 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुवाई 8.13 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। चना की बुवाई चालू रबी में बढ़कर 106.23 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई केवल 98.47 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। हालांकि सरसों की बुवाई चालू रबी में घटकर 66.60 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 70.12 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। ............... आर एस राणा
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