आर एस राणा
नई दिल्ली। दिसंबर महीने में खाद्य तेलों के साथ ही अखाद्य तेलों का आयात 10 फीसदी घटकर 1,088,783 टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल दिसंबर महीने में इनका आयात 1,209,685 टन का हुआ था। दिसंबर महीने में खाद्य तेलों का आयात 1,058,289 टन का हुआ है जबकि अखाद्य तेलों का आयात 30,494 टन का हुआ है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के चालू तेल वर्ष 2017—18 के पहले दो महीनों नवंबर और दिसंबर में खाद्य तेलों के साथ ही अखाद्य तेलों का आयात 2 फीसदी घटकर 2,283,604 टन का हुआ है जबकि पिछले तेल वर्ष 2016—17 की समान अवधि में इनका निर्यात 2,385,149 टन का हुआ था। केंद्र सरकार ने तिलहनों की कीमतों में सुधार लाने के लिए 17 नवंबर 2017 को आयातित खाद्य तेलों के आयात पर शुल्क को 12.5 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया था। इससे सोयाबीन के साथ ही मूंगफली की कीमतों में सुधार आया है।
एसईए ने मांग की है कि रबी सीजन में तिलहनी फसलों की नई आवक अगले महीने बनेगी, इसलिए किसानों के हितों को देखते हुए केंद्र सरकार कुड पॉम तेल और आरबीडी पामोलीन के आयात शुल्क के मौजूदा अंतर 10 फीसदी को बढ़ाकर 15 फीसदी कर देना चाहिए।
नवंबर के मुकाबले दिसंबर महीने में आयातित खाद्य तेलों की कीमतों में भी गिरावट आई है। आरबीडी पामोलीन के भाव भारतीय बंदरगाह पर नवंबर महीने में 702 डॉलर प्रति टन थे, जोकि दिसंबर में घटकर 661 डॉलर प्रति टन रह गए। इसी तरह से क्रुड पॉम तेल के भाव 703 डॉलर प्रति टन से घटकर 662 डॉलर प्रति टन रह गए।
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