आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी में प्रमुख उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश के साथ ही पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में गेहूं की बुवाई पिछड़ रही है जबकि उत्तर प्रदेश में बुवाई आगे चल रही है। कृषि मंत्रालय के अनुसार रबी में गेहूं की बुवाई अभी तक केवल 156.80 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 169.57 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। सामान्यतः रबी में गेहूं की बुवाई 301 लाख हैक्टेयर में होती है।
मंत्रालय के अनुसार प्रमुख उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश में अभी तक गेहूं की बुवाई 30.52 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में राज्य में इसकी बुवाई 34.91 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। पंजाब में गेहूं की बुवाई घटकर चालू रबी में अभी तक केवल 28.19 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 31.36 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी।
हरियाणा में चालू रबी में गेहूं की बुवाई अभी तक केवल 18.45 लाख हैक्टयेर में ही हुई है, जबकि पिछले साल राज्य में इस समय तक 21.45 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। इसी तरह से राजस्थान में गेहूं की बुवाई अभी तक केवल 15.06 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 18.07 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। उत्तर प्रदेश में चालू रबी में गेहूं की बुवाई बढ़कर 44.24 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में केवल 43.02 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी।
सर्दियों का सीजन होने के बावजूद भी गेहूं उत्पादों में मांग कमजोर होने से गेहूं की कीमतों में नरमी आई है। दिल्ली में सोमवार को गेहूं का भाव घटकर 1,815 से 1,820 रुपये प्रति क्विटल रह गए। दक्षिण भारत की मंडियों में आयातित गेहूं सस्ता होने के कारण दक्षिण भारत की मांग उत्तर भारत से नहीं आ रही है, जबकि प्रमुख उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में गेहूं का बकाया स्टॉक ज्यादा है। ऐसे में गेहूं की कीमतों में आगे भी तेजी की संभावना नहीं है। ............. आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी में प्रमुख उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश के साथ ही पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में गेहूं की बुवाई पिछड़ रही है जबकि उत्तर प्रदेश में बुवाई आगे चल रही है। कृषि मंत्रालय के अनुसार रबी में गेहूं की बुवाई अभी तक केवल 156.80 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 169.57 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। सामान्यतः रबी में गेहूं की बुवाई 301 लाख हैक्टेयर में होती है।
मंत्रालय के अनुसार प्रमुख उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश में अभी तक गेहूं की बुवाई 30.52 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में राज्य में इसकी बुवाई 34.91 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। पंजाब में गेहूं की बुवाई घटकर चालू रबी में अभी तक केवल 28.19 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 31.36 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी।
हरियाणा में चालू रबी में गेहूं की बुवाई अभी तक केवल 18.45 लाख हैक्टयेर में ही हुई है, जबकि पिछले साल राज्य में इस समय तक 21.45 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। इसी तरह से राजस्थान में गेहूं की बुवाई अभी तक केवल 15.06 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 18.07 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। उत्तर प्रदेश में चालू रबी में गेहूं की बुवाई बढ़कर 44.24 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में केवल 43.02 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी।
सर्दियों का सीजन होने के बावजूद भी गेहूं उत्पादों में मांग कमजोर होने से गेहूं की कीमतों में नरमी आई है। दिल्ली में सोमवार को गेहूं का भाव घटकर 1,815 से 1,820 रुपये प्रति क्विटल रह गए। दक्षिण भारत की मंडियों में आयातित गेहूं सस्ता होने के कारण दक्षिण भारत की मांग उत्तर भारत से नहीं आ रही है, जबकि प्रमुख उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में गेहूं का बकाया स्टॉक ज्यादा है। ऐसे में गेहूं की कीमतों में आगे भी तेजी की संभावना नहीं है। ............. आर एस राणा
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