आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2017-18 के पहले आठ महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान बासमती चावल का निर्यात मूल्य के हिसाब से 24.07 फीसदी और गैर बासमती चावल का निर्यात 41.85 फीसदी बढ़ा है। आगामी दिनों में बासमती चावल के निर्यात सौदों में तेजी आने का अनुमान है जिससे बासमती धान खासकर के पूसा 1,121 की कीमतों में और तेजी आने की संभावना है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2017-18 के पहले आठ महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान बासमती चावल का निर्यात मूल्य के हिसाब से 16,838.05 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में इसका निर्यात केवल 13,570.99 करोड़ रुपये का ही हुआ था।
गैर-बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष 2017-18 के पहले 8 महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान मूल्य के हिसाब से 14,804.25 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में इसका निर्यात केवल 10,436.75 करोड़ रुपये का हुआ था।
उत्पादक राज्यों में बासमती धान की दैनिक आवक कम होने लगी है तथा आगामी दिनों में दैनिक आवक और कम हो जायेगी। बासमती चावल में निर्यात मांग नए साल की छुट्टियां समाप्त होने के बाद और बढ़ेगी, इसलिए आगामी दिनों में इनकी कीमतों में तेजी आने का अनुमान है। हरियाणा की करनाल मंडी में पूसा बासमती धान 1,121 के भाव शुक्रवार को 3,350 रुपये, डीपी के भाव 3,200 रुपये और पूसा 1,509 के भाव 3,000 से 3,100 रुपये प्रति क्विंटल रहे। पूसा बासमती चावल 1,121 सेला का भाव 6,300 रुपये, स्टीम का 6,900 रुपये और रॉ का भाव 7,200 रुपये प्रति क्विंटल रहा। .............. आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2017-18 के पहले आठ महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान बासमती चावल का निर्यात मूल्य के हिसाब से 24.07 फीसदी और गैर बासमती चावल का निर्यात 41.85 फीसदी बढ़ा है। आगामी दिनों में बासमती चावल के निर्यात सौदों में तेजी आने का अनुमान है जिससे बासमती धान खासकर के पूसा 1,121 की कीमतों में और तेजी आने की संभावना है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2017-18 के पहले आठ महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान बासमती चावल का निर्यात मूल्य के हिसाब से 16,838.05 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में इसका निर्यात केवल 13,570.99 करोड़ रुपये का ही हुआ था।
गैर-बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष 2017-18 के पहले 8 महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान मूल्य के हिसाब से 14,804.25 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में इसका निर्यात केवल 10,436.75 करोड़ रुपये का हुआ था।
उत्पादक राज्यों में बासमती धान की दैनिक आवक कम होने लगी है तथा आगामी दिनों में दैनिक आवक और कम हो जायेगी। बासमती चावल में निर्यात मांग नए साल की छुट्टियां समाप्त होने के बाद और बढ़ेगी, इसलिए आगामी दिनों में इनकी कीमतों में तेजी आने का अनुमान है। हरियाणा की करनाल मंडी में पूसा बासमती धान 1,121 के भाव शुक्रवार को 3,350 रुपये, डीपी के भाव 3,200 रुपये और पूसा 1,509 के भाव 3,000 से 3,100 रुपये प्रति क्विंटल रहे। पूसा बासमती चावल 1,121 सेला का भाव 6,300 रुपये, स्टीम का 6,900 रुपये और रॉ का भाव 7,200 रुपये प्रति क्विंटल रहा। .............. आर एस राणा
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