आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्रीय पूल में दलहन का 17.05 लाख टन का बंपर स्टॉक मौजूद है जबकि सार्वजनिक कंपनियां केंद्रीय पूल से अभी तक केवल 3.5 लाख टन दलहन की ही बिक्री कर पाई हैं। केंद्रीय पूल में दलहन के कुल स्टॉक में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी अरहर और मूंग की है।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर घरेलू मंडियों से 16.71 लाख टन दलहन की खरीद की खरीद की गइ है जबकि 3.79 लाख टन दालें सार्वजनिक कपंनियों के माध्यम से आयात की गई थी। उन्होंने बताया कि चालू खरीफ में 21 दिसंबर 2017 तक उत्पादक राज्यों से 3.49 लाख टन दालों की खरीद की गई है, इसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी मूंग की 2 लाख टन से ज्यादा है।
केंद्रीय पूल में दलहन के भारी-भरकम स्टॉक को हल्का करने के लिए केंद्र सरकार दलहन निर्यात करने पर विचार कर रही है, तथा करीब पौने दो लाख टन दलहन अफगनानिस्तान और अन्य पड़ौसी देशों को निर्यात करने की योजना है। रबी में चना के साथ ही मसूर की पैदावार ज्यादा होने का अनुमान है। माना जा रहा है कि चना और मसूर की के भाव नई फसल पर उत्पादक मंडियों में एमएसपी से नीचे रहेंगे, अतः इनकी भी एमएसपी पर खरीद बढ़ेगी। ऐसे में आगे केंद्रीय पूल में दलहन का स्टॉक और बढ़ने की उम्मीद है, जिसका असर दलहन की कीमतों पर रहेगा। ................ आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्रीय पूल में दलहन का 17.05 लाख टन का बंपर स्टॉक मौजूद है जबकि सार्वजनिक कंपनियां केंद्रीय पूल से अभी तक केवल 3.5 लाख टन दलहन की ही बिक्री कर पाई हैं। केंद्रीय पूल में दलहन के कुल स्टॉक में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी अरहर और मूंग की है।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर घरेलू मंडियों से 16.71 लाख टन दलहन की खरीद की खरीद की गइ है जबकि 3.79 लाख टन दालें सार्वजनिक कपंनियों के माध्यम से आयात की गई थी। उन्होंने बताया कि चालू खरीफ में 21 दिसंबर 2017 तक उत्पादक राज्यों से 3.49 लाख टन दालों की खरीद की गई है, इसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी मूंग की 2 लाख टन से ज्यादा है।
केंद्रीय पूल में दलहन के भारी-भरकम स्टॉक को हल्का करने के लिए केंद्र सरकार दलहन निर्यात करने पर विचार कर रही है, तथा करीब पौने दो लाख टन दलहन अफगनानिस्तान और अन्य पड़ौसी देशों को निर्यात करने की योजना है। रबी में चना के साथ ही मसूर की पैदावार ज्यादा होने का अनुमान है। माना जा रहा है कि चना और मसूर की के भाव नई फसल पर उत्पादक मंडियों में एमएसपी से नीचे रहेंगे, अतः इनकी भी एमएसपी पर खरीद बढ़ेगी। ऐसे में आगे केंद्रीय पूल में दलहन का स्टॉक और बढ़ने की उम्मीद है, जिसका असर दलहन की कीमतों पर रहेगा। ................ आर एस राणा
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