आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत 9,84,150 टन गेहूं बेचने के लिए निविदा आमंत्रित की है। ओएमएसएस के तहत गेहूं बेचने के लिए एफसीआई ने न्यूनतम भाव 1,790 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।
एफसीआई ने ओएमएसएस के तहत सबसे ज्यादा गेहूं का आवंटन महाराष्ट्र के लिए 3.62 लाख टन का, हरियाणा के लिए 2.69 लाख टन और मध्य प्रदेश के लिए 1.14 लाख टन का आवंटन किया है। अन्य राज्यों में पश्चिमी बंगाल के लिए 60 हजार टन, उड़ीसा के लिए 50 हजार टन, तमिलनाडु के लिए 22,400 टन, राजस्थान के लिए 20 हजार टन, दिल्ली के लिए 16,000 टन, केरल के लिए 16,300 टन, उत्तर प्रदेश के लिए 15,000 टन, आंध्रप्रदेश के लिए 6,500 टन, पंजाब के लिए 5,150 टन, जम्मू-काश्मीर के लिए 4,250 टन, असम के लिए 4,000 टन, उत्तराखंड के लिए 3,200 टन, कर्नाटका के लिए 2,500 टन, बिहार के लिए 2,000 टन और गोवा के लिए 1,500 टन तथा गुजरात और झारखंड के लिए क्रमशः 1,000-1,000 टन का आवंटन किया है।
एफसीआई द्वारा बिक्री के लिए गेहूं का भाव उंचा तय किया हुआ है, जबकि उत्पादक मंडियों में इसके भाव नीचे बने हुए हैं, यहीं कारण है कि ओएमएसएस के तहत फ्लोर मिलें गेहूं की खरीद नहीं कर रही हैं। ......... आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत 9,84,150 टन गेहूं बेचने के लिए निविदा आमंत्रित की है। ओएमएसएस के तहत गेहूं बेचने के लिए एफसीआई ने न्यूनतम भाव 1,790 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।
एफसीआई ने ओएमएसएस के तहत सबसे ज्यादा गेहूं का आवंटन महाराष्ट्र के लिए 3.62 लाख टन का, हरियाणा के लिए 2.69 लाख टन और मध्य प्रदेश के लिए 1.14 लाख टन का आवंटन किया है। अन्य राज्यों में पश्चिमी बंगाल के लिए 60 हजार टन, उड़ीसा के लिए 50 हजार टन, तमिलनाडु के लिए 22,400 टन, राजस्थान के लिए 20 हजार टन, दिल्ली के लिए 16,000 टन, केरल के लिए 16,300 टन, उत्तर प्रदेश के लिए 15,000 टन, आंध्रप्रदेश के लिए 6,500 टन, पंजाब के लिए 5,150 टन, जम्मू-काश्मीर के लिए 4,250 टन, असम के लिए 4,000 टन, उत्तराखंड के लिए 3,200 टन, कर्नाटका के लिए 2,500 टन, बिहार के लिए 2,000 टन और गोवा के लिए 1,500 टन तथा गुजरात और झारखंड के लिए क्रमशः 1,000-1,000 टन का आवंटन किया है।
एफसीआई द्वारा बिक्री के लिए गेहूं का भाव उंचा तय किया हुआ है, जबकि उत्पादक मंडियों में इसके भाव नीचे बने हुए हैं, यहीं कारण है कि ओएमएसएस के तहत फ्लोर मिलें गेहूं की खरीद नहीं कर रही हैं। ......... आर एस राणा
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