आर एस राणा
नई दिल्ली। खरीफ सीजन में मूंगफली की ज्यादा पैदावार किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है। गुजरात के साथ ही अन्य उत्पादक राज्यों की मंडियों में किसानों को मूंगफली न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बेचनी पड़ रही है। चालू खरीफ सीजन के लिए केंद्र सरकार ने मूंगफली का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4,220 रुपये प्रति क्विंटल (100 रुपये बोनस सहित) तय किया हुआ है जबकि गुजरात की मंडियों में मूंगफली के भाव 3,750 से 4,300 रुपये प्रति क्विंटल क्वालिटीनुसार चल रहे हैं।
मूंगफली के भाव एमएसपी से नीचे होने के कारण नेफैड समर्थन मूल्य पर खरीद तो कर रही है लेकिन खरीद सीमित मात्रा में ही हो रही है। चालू खरीफ में अभी तक नेफैड ने एमएसपी पर केवल 1,93,243 टन मूंगफली की खरीद ही की है।
कृषि मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार खरीफ सीजन 2016-17 में मूंगफली की पैदावार 64.98 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल खरीफ सीजन में इसकी पैदावार केवल 53.40 लाख टन की ही हुई थी। चालू रबी सीजन में मूंगफली की बुवाई बढ़कर 6.16 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल रबी में इसकी बुवाई 5.96 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। बुवाई में हुई बढ़ोतरी से रबी में भी मूंगफली की पैदावार ज्यादा होने का अनुमान है।
मूंगफली दाने में इस समय थाइलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया और वियतनाम की आयात मांग अच्छी बनी हुई है लेकिन खरीफ के साथ ही रबी में भी मूंगफली की पैदावार ज्यादा होने का अनुमान है ऐसे में आगामी दिनों में इसकी कीमतों में हल्का सुधार तो आ सकता है लेकिन बड़ी तेजी की संभावना कम है।
दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों की आयात मांग बढ़ने से दिसंबर महीने में मूंगफली दाने का रिकार्ड निर्यात हुआ है। दिसंबर महीने में 1.36 लाख मूंगफली दाने का निर्यात हुआ है जबकि दिसंबर 2015 में इसका निर्यात केवल 95 हजार टन का ही हुआ था।
एपीडा के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 9 महीनों अप्रैल से दिसंबर के दौरान मूंगफली दाने का निर्यात बढ़कर 4.70 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2015-16 की समान अवधि में इसका निर्यात 3.70 लाख टन का हुआ था। चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 9 महीनों में इसके निर्यात में 27 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।........आर एस राणा
नई दिल्ली। खरीफ सीजन में मूंगफली की ज्यादा पैदावार किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है। गुजरात के साथ ही अन्य उत्पादक राज्यों की मंडियों में किसानों को मूंगफली न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बेचनी पड़ रही है। चालू खरीफ सीजन के लिए केंद्र सरकार ने मूंगफली का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4,220 रुपये प्रति क्विंटल (100 रुपये बोनस सहित) तय किया हुआ है जबकि गुजरात की मंडियों में मूंगफली के भाव 3,750 से 4,300 रुपये प्रति क्विंटल क्वालिटीनुसार चल रहे हैं।
मूंगफली के भाव एमएसपी से नीचे होने के कारण नेफैड समर्थन मूल्य पर खरीद तो कर रही है लेकिन खरीद सीमित मात्रा में ही हो रही है। चालू खरीफ में अभी तक नेफैड ने एमएसपी पर केवल 1,93,243 टन मूंगफली की खरीद ही की है।
कृषि मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार खरीफ सीजन 2016-17 में मूंगफली की पैदावार 64.98 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल खरीफ सीजन में इसकी पैदावार केवल 53.40 लाख टन की ही हुई थी। चालू रबी सीजन में मूंगफली की बुवाई बढ़कर 6.16 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल रबी में इसकी बुवाई 5.96 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। बुवाई में हुई बढ़ोतरी से रबी में भी मूंगफली की पैदावार ज्यादा होने का अनुमान है।
मूंगफली दाने में इस समय थाइलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया और वियतनाम की आयात मांग अच्छी बनी हुई है लेकिन खरीफ के साथ ही रबी में भी मूंगफली की पैदावार ज्यादा होने का अनुमान है ऐसे में आगामी दिनों में इसकी कीमतों में हल्का सुधार तो आ सकता है लेकिन बड़ी तेजी की संभावना कम है।
दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों की आयात मांग बढ़ने से दिसंबर महीने में मूंगफली दाने का रिकार्ड निर्यात हुआ है। दिसंबर महीने में 1.36 लाख मूंगफली दाने का निर्यात हुआ है जबकि दिसंबर 2015 में इसका निर्यात केवल 95 हजार टन का ही हुआ था।
एपीडा के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 9 महीनों अप्रैल से दिसंबर के दौरान मूंगफली दाने का निर्यात बढ़कर 4.70 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2015-16 की समान अवधि में इसका निर्यात 3.70 लाख टन का हुआ था। चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 9 महीनों में इसके निर्यात में 27 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।........आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें