आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र द्वारा बजट में क्रुड तेलों और रिफाइंड तेलों के आयात शुल्क में अंतर को नहीं बढ़ाने से तिलहन उद्योग को निराशा हुई है। सालवेंट एक्सटेंशन आफ इंडिया (एसईए) के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी के अनुसार क्रुड तेलों पर आयात शुल्क इस समय 12.5 फीसदी है जबकि रिफाइंड तेलों पर आयात शुल्क 20 फीसदी है अतः इनमें अंतर केवल 7.5 फीसदी का ही है जबकि उद्योग ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर आयात शुल्क में अंतर को 7.5 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी करने की मांग की थी।
उन्होंने बताया कि आयात शुल्क में अंतर कम होने के कारण क्रुड तेलों के बजाए रिफाइंड तेलों के आयात में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जिससे घरेलू उद्योग को नुकसान हो रहा है। सीईए के अनुसार नवंबर 2016 में रिफाइंड तेलों का आयात 2,40,948 टन का हुआ है जोकि कुल आयात का 21 फीसदी है। ......आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र द्वारा बजट में क्रुड तेलों और रिफाइंड तेलों के आयात शुल्क में अंतर को नहीं बढ़ाने से तिलहन उद्योग को निराशा हुई है। सालवेंट एक्सटेंशन आफ इंडिया (एसईए) के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी के अनुसार क्रुड तेलों पर आयात शुल्क इस समय 12.5 फीसदी है जबकि रिफाइंड तेलों पर आयात शुल्क 20 फीसदी है अतः इनमें अंतर केवल 7.5 फीसदी का ही है जबकि उद्योग ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर आयात शुल्क में अंतर को 7.5 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी करने की मांग की थी।
उन्होंने बताया कि आयात शुल्क में अंतर कम होने के कारण क्रुड तेलों के बजाए रिफाइंड तेलों के आयात में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जिससे घरेलू उद्योग को नुकसान हो रहा है। सीईए के अनुसार नवंबर 2016 में रिफाइंड तेलों का आयात 2,40,948 टन का हुआ है जोकि कुल आयात का 21 फीसदी है। ......आर एस राणा
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