आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2016 से चालू हुए पेराई सीजन 2016-17 में 15 फरवरी 2017 तक चीनी का उत्पादन 26.62 लाख टन घटकर केवल 146.72 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसका उत्पादन 173.34 लाख टन का हुआ था।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशसन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में 483 चीनी मिलों में पेराई आरंभ हुई थी, जिनमें से 191 चीनी मिलों में पेराई बंद हो चुकी है। महाराष्ट्र में जहां 80 फीसदी चीनी मिलों में पेराई बंद हो चुकी है, वहीं कर्नाटका में 95 फीसदी मिलें बंद हो चुकी हैं।
उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में पहली अक्टूबर से 15 फरवरी तक 54 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 45.55 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। राज्य में 116 चीनी मिलों में पेराई चल रही है। सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में चालू पेराई सीजन में 15 फरवरी तक 39.73 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 62.70 लाख टन का उत्पादन हो चुका था। राज्य की 153 चीनी मिलों में से इस समय केवल 31 चीनी मिलों में पेराई चल रही है।
उधर कर्नाटका में चालू पेराई सीजन में पहली अक्टूबर से 15 फरवरी तक 20.25 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 32.31 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था। राज्य में 58 चीनी मिलों में पेराई आरंभ हुई थी जबकि इस समय केवल 3 चीनी मिलों में पेराई चल रही है। आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में चालू पेराई सीजन में अभी तक 4 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 5.50 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था।
तमिलनाडु में 15 फरवरी तक 5.10 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल 4 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। गुजरात में चालू पेराई सीजन में 7 लाख टन चीनी का उत्पादन ही हुआ है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 8.08 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। अन्य राज्यों बिहार में 3.75 लाख टन, पंजाब में 3.80 लाख टन, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 3.30 लाख टन, हरियाणा में 3.20 लाख टन और उत्तराखंड में 2.10 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है।
विश्व बाजार में चीनी के भाव उंचे है तथा चीनी पर आयात शुल्क 40 फीसदी है, ऐसे में जब तक केंद्र सरकार चीनी के आयात को शुल्क मुक्त नहीं करेगी, तब तक घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में गिरावट आने की संभावना नहीं है।.........आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2016 से चालू हुए पेराई सीजन 2016-17 में 15 फरवरी 2017 तक चीनी का उत्पादन 26.62 लाख टन घटकर केवल 146.72 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसका उत्पादन 173.34 लाख टन का हुआ था।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशसन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में 483 चीनी मिलों में पेराई आरंभ हुई थी, जिनमें से 191 चीनी मिलों में पेराई बंद हो चुकी है। महाराष्ट्र में जहां 80 फीसदी चीनी मिलों में पेराई बंद हो चुकी है, वहीं कर्नाटका में 95 फीसदी मिलें बंद हो चुकी हैं।
उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में पहली अक्टूबर से 15 फरवरी तक 54 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 45.55 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। राज्य में 116 चीनी मिलों में पेराई चल रही है। सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में चालू पेराई सीजन में 15 फरवरी तक 39.73 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 62.70 लाख टन का उत्पादन हो चुका था। राज्य की 153 चीनी मिलों में से इस समय केवल 31 चीनी मिलों में पेराई चल रही है।
उधर कर्नाटका में चालू पेराई सीजन में पहली अक्टूबर से 15 फरवरी तक 20.25 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 32.31 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था। राज्य में 58 चीनी मिलों में पेराई आरंभ हुई थी जबकि इस समय केवल 3 चीनी मिलों में पेराई चल रही है। आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में चालू पेराई सीजन में अभी तक 4 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 5.50 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था।
तमिलनाडु में 15 फरवरी तक 5.10 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल 4 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। गुजरात में चालू पेराई सीजन में 7 लाख टन चीनी का उत्पादन ही हुआ है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 8.08 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। अन्य राज्यों बिहार में 3.75 लाख टन, पंजाब में 3.80 लाख टन, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 3.30 लाख टन, हरियाणा में 3.20 लाख टन और उत्तराखंड में 2.10 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है।
विश्व बाजार में चीनी के भाव उंचे है तथा चीनी पर आयात शुल्क 40 फीसदी है, ऐसे में जब तक केंद्र सरकार चीनी के आयात को शुल्क मुक्त नहीं करेगी, तब तक घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में गिरावट आने की संभावना नहीं है।.........आर एस राणा
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