आर एस राणा
नई दिल्ली। हल्दी में इस समय निर्यातकों की मांग तो कमजोर है लेकिन उत्तर भारत के राज्यों की अच्छी मांग बनी हुई है जिससे हल्दी की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। प्रमुख उत्पादक राज्यों हल्दी की बुवाई जोरों पर है तथा चालू महीने में होने वाली बारिष से पैदावार का अनुमान आयेगा। इसीलिए स्टॉकिस्टों की बिकवाली कम है जिससे मौजूदा कीमतों में और भी तेजी की संभावना है।
हल्दी कारोबारी पी सी गुप्ता ने बताया कि हल्दी में उत्तर भारत के राज्यों की मांग अच्छी है, जबकि स्टॉकिस्टों की बिकवाली कम आ रही है। इसीलिए हल्दी की कीमतों में तेजी आई है। आंध्रप्रदेष और तेलंगाना में हल्दी की बुवाई अच्छी हुई है लेकिन उत्पादन का अनुमान चालू महीने में होने वाली बारिष की स्थिति पर निर्भर करेगा। आंध्रप्रदेष की निजामाबाद मंडी में हल्दी के भाव सोमवार को 7,300 से 7,400 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा मंडी में दैनिक आवक 1,500 बोरी (एक बोरी-70 किलो) की हुई। नांनदेड मंडी में हल्दी के भाव 6,700 से 7,500 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
आंध्रप्रदेष में हल्दी की बुवाई 6,135 हैक्टेयर में और तेलंगाना में 35,548 हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। तेलंगाना में करीब 65 फसीदी बुवाई का कार्य पूरा हो चुका है। जुलाई महीने में उत्पादक राज्यों में कम बारिष हुई ऐसे मंे चालू महीने में मानसूनी बारिष से भी हल्दी की कीमतों में तेजी-मंदी का असर पड़ेगा। बारिष फसल के अनुकूल रही तो कीमतों में गिरावट भी आ सकती है लेकिन अगर बारिष कम रही तो, फिर भाव में तेजी जारी रह सकती है। हल्दी कारोबारी राजेंद्र जैन ने बताया कि आगामी दिनों में हल्दी में निर्यातकों की मांग भी बढ़ेगी, साथ ही घरेलू मसाला कंपनियों की मांग में भी इजाफा होगा। जिससे भाव में तेजी आने का अनुमान है।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार वित्त वर्ष 2014-15 में हल्दी का निर्यात बढ़कर 86,000 टन का हुआ है जबकि वित्त वर्ष 2013-14 में इसका निर्यात 77,500 टन का हुआ था।.........आर एस राणा
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