प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में चालू पेराई सीजन में चीनी उद्योग की मुश्किलें सुलझाने तथा गन्ना किसानों का बकाया भुगतान कराने के लिए कुछ रियायतें देने का फैसला किया है। सरकार ने प्रधानमंत्री गन्ना किसानों के भुगतान के लिए छह हजार करोड़ की मंजूरी दे दी है। वैसे तो इस राशि को पहले ही मंजूर किया जा चुका था पर इसकी शर्तो में पर्याप्त ढाल का फैसला अब किया गया।
सीसीईए के ताजा फैसले में दो बड़े प्रावधान किए गए हैं। पहले की शर्तों के मुताबिक इनमें 30 जून, 2015 तक 50 फीसद गन्ना मूल्य बकाया भुगतान करने वाली मिलों को ही इस रियायती कर्ज को प्राप्त करने की छूट थी। अब इसकी अवधि बढ़ाकर 31 अगस्त, 2015 कर दी गई है। इससे सुविधा का लाभ 90 फीसद से अधिक चीनी मिलें उठा सकेंगी।
दूसरी छूट के मुताबिक अब उन चीनी मिलों को भी यह रियायती कर्ज मिल सकेगा,
जिन्होंने गन्ना बकाये का शत प्रतिशत भुगतान कर दिया है। उनके लिए सरकार ने
दरवाजा खोल दिया है। इससे अच्छा प्रदर्शन करने वाली मिलों को अपना कर्ज
चुकाने में मदद मिलेगी। सरकार के इस फैसले से गन्ना किसानों के भुगतान में
तेजी आने की पूरी संभावना है। सीसीइए के फैसले में कहा गया है कि किसानों
को गन्ने का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में किया जाएगा। चीनी मिलों को उन
किसानों की सूची बैंकों को मुहैया करानी होगी।
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