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24 अगस्त 2015

आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में बारिश कम होने से हल्दी में और तेजी की संभावना


आर एस राणा
नई दिल्ली। हल्दी के प्रमुख उत्पादक राज्यों आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में बारिश की कमी का असर हल्दी की कीमतों पर पड़ रहा है, साथ ही उत्तर भारत की मांग बढ़ने से भी इसके भाव बढ़ रहे हैं। घरेलू मसाला कंपनियों के साथ ही निर्यातकों की मांग बढ़ने की उम्मीद है जिससे मौजूदा कीमतों में और भी सुधार आने का अनुमान है।
हल्दी कारोबारी पी सी गुप्ता ने बताया कि चालू खरीफ में हल्दी की बुवाई तो अच्छी हुई है लेकिन अगस्त महीने में बारिश कम हुई है जिससे स्टॉकिस्टों की सक्रियता बढ़ गई है। यही कारण है कि हल्दी की कीमतों में तेजी बनी हुई है। उन्होंने बताया कि निजामाबाद मंडी में हल्दी के भाव बढ़कर 7,600 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा दैनिक आवक 800 बोरी की हुई। इंरोड मंडी में हल्दी के भाव 7,500 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा दैनिक आवक 4,000 बोरी की हुई। नंानदेड मंडी में हल्दी के भाव 7,000 से 8,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। उत्पादक मंडियों में पिछले आठ-दस दिनों में हल्दी की कीमतों में 500 से 600 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है।
हल्दी व्यापारी सुरेंद्र जैन ने बताया कि त्यौहारी सीजन से पहले घरेलू मसाला कंपनियों की मांग बढ़ने से हल्दी की कीमतों में तेजी आई है, जबकि इस समय उत्पादक मंडियों में हल्दी की दैनिक आवक पहले की तुलना में कम हो रही है। चालू खरीफ में हल्दी की बुवाई करीब 70 से 80 फीसदी पूरी हो चुकी है, लेकिन जुलाई-अगस्त महीने में प्रमुख उत्पादक राज्यों आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु आदि के हल्दी उत्पादक क्षेत्रों में बारिश कम हुई है जबकि इस समय फसल को पानी की जरुरत है। ऐसे में हल्दी की कीमतों में और भी तेजी की संभावना है।
खाड़ी देषों की आयात मांग भी हल्दी में आनी शुरु हो गई है त्यौहारी सीजन को देखते उत्तर भारत के राज्यों की मांग भी बढ़ी है। इसलिए आगामी दिनों में भाव में और सुधार आने का अनुमान है वैसे भी हल्दी की नई फसल आने में अभी करीब 6 महीने बचे हुए हैं। आंध्रप्रदेश में हल्दी की बुवाई 9,772 हैक्टेयर में और तेलंगाना में 38,990 हैक्टेयर में हल्दी की बुवाई हो चुकी है।
सूत्रों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2015-16 के पहले तीन महीनों अप्रैल से जून के दौरान 25,000 टन हल्दी का निर्यात हो चुका है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में हल्दी का भाव 3.53 डॉलर प्रति किलो है जबकि पिछले साल की समान अवधि में भी विश्व बाजार यही भाव थे।
भारतीय मसाला बोर्ड के वित वर्ष 2014-15 के दौरान हल्दी का निर्यात बढ़कर 86,000 टन का हुआ है जबकि वित वर्ष 2013-14 में इसका निर्यात 77,500 टन का हुआ था। मसाला बोर्ड ने वित वर्ष 2014-15 में हल्दी के निर्यात का लक्ष्य 80,000 टन का रखा था। ......आर एस राणा

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