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28 अगस्त 2015

सोया खली में निर्यात मांग कम होने का असर सोयाबीन की कीमतों पर


महाराष्ट्र में बारिष की कमी का असर पैदावार पर पड़ने की आषंका
आर एस राणा
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में बारिष कम होने का असर सोयाबीन की पैदावार पर पड़ने की आषंका तो है लेकिन सोया खली और तेल में कमजोर मांग होने के कारण इसकी कीमतों में अभी भारी तेजी की संभावना नहीं है।
सोयाबीन के थोक कारोबारी नरेष गोयनका ने बताया कि सोया खली में निर्यात के साथ ही घरेलू मांग भी कमजोर बनी हुई है जबकि आयातित खाद्य तेलों की उपलब्धता ज्यादा होने के कारण तेल में भी मांग सीमित मात्रा में आ रही है। हालांकि चालू खरीफ में सोयाबीन की बुवाई तो पिछले साल से ज्यादा हुई है लेकिन महाराष्ट्र के कई जिलों में सूखे जैसे हालात का असर सोयबीन की पैदावार पर पड़ने की आषंका है। उन्होंने बताया कि इसके बावजूद भी सोयाबीन की कीमतों में भारी तेजी की संभावना नहीं है।
सोयाबीन के कारोबारी उमेष जैन ने बताया कि उत्पादक मंडियों में सोयाबीन की दैनिक आवक तो कम है लेकिन प्लांटों की मांग भी कमजोर बनी हुई है जिससे भाव में तेजी नहीं आ पा रही है। उन्होंने बताया कि इंदौर मंडी में सोयाबीन के भाव 3,300 से 3,350 रुपये, कोटा मंडी में 3,200 से 3,300 रुपये और लातूर मंडी में 3,390 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। कांडला बंदरगाह पर सोया खली के भाव 31,000 रुपये प्रति टन रह गए जबकि इंदौर में सोया खली के भाव 29,500 रुपये प्रति टन रहे।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में सोयाबीन की बुवाई बढ़कर 114.17 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 110.30 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी।
साल्वेंट एक्ट्रेक्टर्स एसोसिएषन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2015-16 की पहली तिमाही में सोया खली का निर्यात घटकर 34,161 टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 1,00,746 टन का निर्यात हुआ था। भारतीय बंदरगाह पर सोया खली के भाव जून महीने में घटकर 553 डॉलर प्रति टन रह गए जबकि मई महीने में इसके भाव 592 टन प्रति टन थे।...आर एस राणा

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