अक्टूबर में आयेगी नई षिपमेंट, भाव में गिरावट की आषंका
आर एस राणा
नई दिल्ली। आस्ट्रेलिया में अनुकूल मौसम से चना की पैदावार बढ़ने का अनुमान है तथा सितंबर के आखिर में नई फसल की आवक षुरु हो जायेगी, तथा अक्टूबर में षिपमेंट चालू हो जायेंगे, जिससे घरेलू बाजार में चने की कीमतें में गिरावट आने की आषंका है।
चना आयातक संतोष उपाध्याय ने बताया कि हम आस्ट्रेलिया से कुल आयात 70 से 75 फीसदी चना आयात करते हैं तथा चालू सीजन में आस्ट्रेलिया में मौसम फसल के अनुकूल बना हुआ है जिससे पैदावार ज्यादा होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि आस्ट्रेलिया चना के भाव 710 डॉलर प्रति टन है तथा अक्टूबर-नवंबर षिपमेंट के सौदे 690 डॉलर प्रति टन की दर से हो रहे हैं। आस्ट्रेलिया में चने की नई फसल की आवक सितंबर महीने के आखिर में षुरु होगी, तथा षिपमेंट अक्टूर-नवंबर में होगी।
चना कारोबारी दुर्गा प्रसाद ने बताया कि घरेलू बाजार में उपलब्धता कम होने के कारण चना की कीमतों में तेजी बनी हुई है। वैसे भी चना दाल अन्य दालों के मुकाबले अभी भी सस्ती है इसलिए चना दाल की खपत ज्यादा हो रही है। घरेलू बाजार में सितंबर महीने में चना के दाम उंचे रह सकते हैं लेकिन अक्टूबर-नवंबर में भाव घटने की संभावना है। दिल्ली में गुरुवार को चना के भाव 4,850 से 4,875 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा दैनिक आवक 25 से 30 मोटर की हुई। महाराष्ट्र की लातूर मंडी में चना के भाव 4,950 रुपये प्रति क्विंटल रहे तथा इसकी कीमतों में 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। मध्य प्रदेष की इंदौर मंडी में चना के भाव 4,600 रुपये और राजस्थान की जयपुर मंडी में 4,850 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
चना व्यापारी महेष जैन ने बताया कि चना के प्रमुख चना उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेष के कुछ भागों में अगस्त महीने में कम बारिष हुई है जिसका असर रबी में चना की बुवाई पर पड़ सकता है। ऐसे में आगामी दिनों में चना की तेजी-मंदी काफी हद तक मानसूनी बारिष पर भी निर्भर करेगी।
कृषि मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल वर्ष 2014-15 में चना की पैदावार घटकर 71.7 लाख टन होने का अनुमान है। पिछले साल इसकी रिकार्ड पैदावार 95.3 लाख टन की हुई थी।.....आर एस राणा
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