मुंबई May 31, 2011
वाणिज्य विभाग 2 जून, 2011 को होने वाली मंत्रियों के समूह की बैठक में कपास निर्यात का कोटा 15 लाख गांठ बढ़ाने का प्रस्ताव रखेगा। कपास निर्यात की वर्तमान सीमा 55 लाख गांठ है।घरेलू बाजार में कपास की खपत में गिरावट आने के कारण कारोबारी और किसान वर्ग ने कपास निर्यात कोटा में 20 लाख गांठों की बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव रखा है। हालांकि अधिकारियों ने कहा कि कपड़ा मंत्रालय घरेलू बाजार के बारे में चिंतित है। इसे डर है कि अगर पूरे सरप्लस के निर्यात की स्वीकृति दे दी गई तो घरेलू कपड़ा बाजार प्रभावित होगा। पहले कीमतों में बढ़ोतरी और फिर मांग में गिरावट के कारण कारोबारियों और किसानों का घाटा बढ़ता जा रहा है। कृषि मंत्रालय निर्यात कोटा बढ़ाने के पक्ष में है। अमेरिका के बाद भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा कपास निर्यातक देश है।सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में कपास की 55 लाख गांठों के शुल्क मुक्त निर्यात की स्वीकृति दी थी। मार्च के चौथे सप्ताह से स्थिति पूरी तरह बदल गई है और प्राकृतिक रेशों की कीमतें भारी मात्रा में ताजा स्टॉक आने और पिछले सीजन के बचे हुए स्टॉक के कारण तेजी से गिरी हैं। कपास की कीमतें पिछले महीने में 25 फीसदी गिरकर 62,000 रुपये प्रति कैंडी (प्रति कैंडी 356 किलोग्राम) से 47,000 रुपये प्रति कैं डी पर आ गई हैं। भारतीय कपास निगम (सीसीआई) द्वारा प्रकाशित आउटलुक रिपोर्ट के मुताबिक, कपास की प्रसिद्ध किस्म एस-6 की कीमत इस सप्ताह पिछले सप्ताह के मुकाबले 1,000-1,500 रुपये गिर चुकी है। कपास सीजन लगभग समाप्त होने को है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कपास की आवक में गिरावट के साथ ही इसकी गुणवत्ता में भी गिरावट दर्ज की गई है। भारतीय कपास की पैदावार 2010-11 में घटकर 475 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रही है, जो 2007-08 में 554 किलोग्राम रही थी। इसके विपरीत कपास का क्षेत्रफल 2007-08 के 94.1 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 2010-11 मे 110 लाख हेक्टेयर रहा है। सीसीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि कपास की दैनिक आवक 30,000 से 35,000 गांठों के बीच हो रही है। हरियाणा में 1,000 से 1,500 गांठ, गुजरात में 10,000 से 14,000 गांठ, महाराष्ट्र में 7,000 से 8,000 गांठ, मध्य प्रदेश में 800 से 1,000 गांठ, कर्नाटक मेंं 1,000 से 2,000 गांठ और आंध्र प्रदेश में 5,000 से 6,000 गांठों की दैनिक आवक हो रही है। 22 मई 2011 तक कपास की कुल आवक 294.23 लाख गांठ रही है, जो पिछले साल 284.50 लाख गांठ रही थी। अंतरराष्ट्रीय कपास सलाहकार समिति (आईसीएसी) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2010-11 में कपास का क्षेत्रफल 13 फीसदी बढ़कर 338.1 लाख हेक्टेयर रहने का अनुमान लगाया गया है, जो 2009-10 में 299.8 लाख हेक्टेयर रहा था। (BS Hindi)
02 जून 2011
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