सरकार ने चीनी निर्यात के लिए ओपन जरनल लाइसेंस (ओजीएल) के तहत 337,407 टन चीनी के परमिट जारी कर दिए हैं। सरकार ने ओजीएल के तहत पांच लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी हुई है। इसमें से 51,500 टन चीनी पड़ोसी देशों के लिए आरक्षित रखी गई है बाकी 4.48 लाख टन चीनी का निर्यात ओजीएल के तहत होना है।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 30 मई तक 337,407 टन चीनी निर्यात के लिए रिलीज आर्डर जारी कर दिए हैं। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के नेतृत्व में खाद्य मामलों पर उच्च अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह (ईजीओएम) ने 22 मार्च को चीनी मिलों के लिए ओजीएल के तहत पांच लाख टन चीनी निर्यात करने की इजाजत दी थी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतों में पिछले चार महीनों में 22.7 फीसदी की गिरावट आई है। न्यूयॉर्क के आईसीई एक्सचेंज में फरवरी महीने में रॉ शुगर का भाव 30 सेंट प्रति बुशल था जबकि 31 मई को जुलाई वायदा भाव 23.18 सेंट प्रति बुशल पर बंद हुआ। व्हाइट शुगर का भाव लिफ्फे में अगस्त महीने के वायदा अनुबंध में 31 मई को 672 डॉलर प्रति टन पर बंद हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में आई गिरावट से निर्यात सीमित मात्रा में ही हो रहा है।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने बताया कि चालू पेराई सीजन 2010-11 में (अक्टूबर से सितंबर) के दौरान देश में चीनी का उत्पादन 242 लाख टन होने का अनुमान है जबकि सीजन के शुरू में 250 लाख टन उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया था। देश में चीनी की सालाना खपत 225 लाख टन की होती है। 15 मई तक 226.5 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले की समान अवधि में 183 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। (Business Bhaskar...R S Rana)
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