02 जून 2011
सरकार ने खाद्य सामग्री की बर्बादी को रोकने के लिए समिति का गठन किया
उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने खाद्य पदार्थों की बर्बादी को रोकने के लिए संभव उपाय एवं मार्ग सुझाने के लिए और इस संबंध में विचार-विमर्श करने के लिए एक पन्द्रह सदस्यीय समिति का गठन किया है । खाद्य सामग्रियों की बर्बादी पर और दिखावे के नाम पर खास तौर पर शादियों/पार्टियों/बैठकों जैसे अवसरों के नाम पर की गई बर्बादी पर समय–समय पर चिंता व्यक्त की गई है । यह अनुमान लगाया गया है कि हमारे देश में खाद्य सामग्रियों का लगभग 15 से 20 प्रतिशत ऐसे सामाजिक समारोहों में बर्बाद हो जाता है । यह समिति खाद्य सामग्री की बर्बादी को रोकने के लिए उपयुक्त जागरूकता कार्यक्रम/जन अभियान का सुझाव देगी । यह इस दिशा में विधार्थी एवं प्रशासनिक पहलों को शुरू करने के लिए विभिन्न विकल्पों की भी तलाश करेगी । इसके अलावा यह समिति इस बात की भी जांच करेगी कि किस प्रकार सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र मितव्ययिता के द्वारा एक उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं । उपभोक्ता मामलों के सचिव श्री राजीव अग्रवाल इस समिति के अध्यक्ष होंगे । इस समिति के सदस्य हैं : पत्र सूचना कार्यालय की प्रधान महानिदेशक (मीडिया व संचार) श्रीमती नीलम कपूर, डीएवीपी के महानिदेशक ए. पी. फ्रैंक नोरोन्हा, तमिलनाडु सरकार के खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रधान सचिव स्वर्ण सिंह, पश्चिम बंगाल सरकार के उपभोक्ता मामले के प्रधान सचिव के. साथियावासन, महाराष्ट्र सरकार के खाद्य व जन आपूर्ति विभाग के सचिव बलदेव सिंह, दिल्ली सरकार के खाद्य व जन आपूर्ति विभाग के सचिव धरम पाल, पत्रकार के. एम. रॉय, पत्रकार जॉर्ज वर्गीज, पूर्व विधायक एम. ए. चंद्रशेखरन , उपभोक्ता विषय पर लिखने वाली पुस्पा गिरिमाजी, उपभोक्ता कार्यकर्ता विनोद आशिष, उपभोक्ता कार्यकर्ता राजन गांधी, आईआईपीए में उपभोक्ता अध्ययन केंद्र के प्रोफेसर सुरेश मिश्रा । उपभोक्ता मामले विभाग के उप सचिव जी. एन. सिंह इस समिति के संयोजक होंगे । (Pib)
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