नई दिल्ली। स्पिनिंग मिलों की मांग कमजोर बनी रहने के कारण शनिवार को गुजरात के साथ ही उत्तर भारत के राज्यों में लगातार तीसरे दिन कॉटन की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई।
गुजरात के अहमदाबाद में 29 शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव शनिवार को 50 रुपये कमजोर होकर 53,500 से 53,700 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी-356 किलो रह गए। पिछले तीन कार्यदिवस में कॉटन की कीमतों में 450 रुपये प्रति कैंडी का मंदा आया है।
पंजाब में रुई के हाजिर डिलीवरी के भाव कमजोर होकर 5580 से 5590 रुपये प्रति मन बोले गए। हरियाणा में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव घटकर 5430 से 5500 रुपये प्रति मन बोले गए। ऊपरी राजस्थान में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव घटकर 5570 से 5610 रुपये प्रति मन बोले गए। खैरथल लाइन में कॉटन के भाव 54,100 से 54,200 रुपये कैंडी, एक कैंडी-356 किलो बोले गए।
देशभर की मंडियों में कपास की आवक 48,500 गांठ, एक गांठ-170 किलो की हुई।
व्यापारियों के अनुसार अमेरिकी टैरिफ की चिंता से विश्व बाजार में कॉटन के दाम पिछले तीन दिनों से लगातार कमजोर हुए हैं। अमेरिका के विरोध में चीन द्वारा सभी अमेरिकी आयातों पर 34 फीसदी टैरिफ लगाने से कॉटन के बाजार की अनिश्चितताएं और व्यापार में व्यवधान और बढ़ गया है, क्योंकि चीन अमेरिका से सबसे ज्यादा कॉटन उत्पादों का आयात करता है। अत: घरेलू बाजार में स्पिनिंग मिलों की मांग भी कॉटन में कमजोर बनी रही, जिस कारण कीमतों पर दबाव है। हालांकि घरेलू स्पिनिंग मिलों के पास कॉटन का बकाया स्टॉक कम है, तथा सूती धागे में स्थानीय मांग अच्छी है। इसलिए विश्व बाजार की तुलना में घरेलू बाजार में इसकी कीमतों में गिरावट कम आई है।
घरेलू बाजार में कॉटन का सबसे ज्यादा स्टॉक कॉटन कारपोरेशन ऑफ इंडिया, सीसीआई के पास है तथा सीसीआई दाम हाजिर बाजार की तुलना में कॉटन उंचे दाम पर बेच रही है। अत: घरेलू बाजार में कॉटन की कीमतों की तेजी, मंदी सीसीआई के बिक्री दाम पर भी निर्भर करेगी।
कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार खरीफ सीजन में कपास का उत्पादन 294.25 लाख गांठ (एक गांठ 170 किलोग्राम) होने का अनुमान है, जो कि इसके पहले के अनुमान 299.26 लाख गांठ के मुकाबले कम है।

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