नई दिल्ली। 21 अप्रैल से 25 अप्रैल के दौरान कॉटन कारपोरेशन आफ इंडिया, सीसीआई ने फसल सीजन 2024-25 में खरीदी हुई करीब 4,03,600 गांठ, एक गांठ 170 किलो कॉटन की बिक्री की। इस दौरान मिलों ने 1,91,700 गांठ एवं व्यापारियों ने 2,06,900 गांठ कॉटन की खरीद की।
सीसीआई ने चालू सप्ताह में फसल सीजन 2023-24 में खरीदी हुई करीब 400 गांठ की बिक्री भी की। सूत्रों के अनुसार सीसीआई ने चालू सप्ताह में कॉटन की बिक्री कीमतों में 200 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी 356 किलो की बढ़ोतरी की है। घरेलू बाजार में कॉटन का सबसे ज्यादा स्टॉक सीसीआई के पास है, ऐसे में नई फसल की आवक तक हाजिर बाजार में कॉटन की कीमतों में तेजी, मंदी काफी हद तक सीसीआई के बिक्री भाव पर भी निर्भर करेगी।
स्पिनिंग मिलों की मांग बनी रहने के कारण शनिवार को गुजरात में कॉटन की कीमतों में सुधार आया, जबकि इस दौरान उत्तर भारत के राज्यों में इसकी कीमत स्थिर हो गई।
गुजरात के अहमदाबाद में 29 शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव शनिवार को लगातार 5वें दिन 50 रुपये तेज होकर दाम 54,500 से 54,800 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी-356 किलो हो गए।
पंजाब में रुई के हाजिर डिलीवरी के भाव 5750 से 5760 रुपये प्रति मन बोले गए।
हरियाणा में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव 5660 से 5720 रुपये प्रति मन बोले गए।
ऊपरी राजस्थान में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव 5740 से 5780 रुपये प्रति मन बोले गए।
खैरथल लाइन में कॉटन के भाव 55,800 से 56,000 रुपये कैंडी, एक कैंडी-356 किलो बोले गए।
देशभर की मंडियों में कपास की आवक 35,700 गांठ, एक गांठ-170 किलो की हुई।
स्पिनिंग मिलों की मांग बनी रहने के कारण गुजरात में कॉटन की कीमतों में तेजी जारी रही, हालांकि उत्तर भारत के राज्यों में इसके दाम स्थिर हो गए। व्यापारियों के अनुसार आईसीई कॉटन वायदा के दाम शुक्रवार को कमजोर होकर बंद हुए थे। हालांकि घरेलू बाजार में सूती धागे में स्थानीय मांग अच्छी है तथा रुई के दाम पिछले साल की तुलना में अभी भी नीचे बने हुए हैं जिस कारण स्पिनिंग मिलें अच्छे मार्जिन में व्यापार कर रही हैं। इसलिए मिलों की कॉटन में मांग बनी रहने के आसार हैं। घरेलू बाजार में स्पिनिंग मिलों के पास कॉटन का बकाया स्टॉक कम है।
कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार खरीफ सीजन में कपास का उत्पादन 294.25 लाख गांठ (एक गांठ 170 किलोग्राम) होने का अनुमान है, जो कि इसके पहले के अनुमान 299.26 लाख गांठ के मुकाबले कम है।

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