नई दिल्ली। चालू वर्ष 2025 के पहले तीन महीनों जनवरी से अप्रैल के दौरान कैस्टर तेल का निर्यात 17.34 फीसदी घटकर 1,52,125 टन का ही हुआ है जबकि इसके पिछले वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 1,84,037 टन का हुआ था।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एसईए के अनुसार मार्च में कैस्टर तेल का निर्यात घटकर 1,52,125 टन का ही हुआ है, जबकि पिछले साल मार्च में इसका निर्यात 65,170 टन हुआ था।
एसईए के अनुसार मूल्य के हिसाब से वर्ष 2025 के पहले तीन महीनों में कैस्टर तेल का निर्यात घटकर 2,034.66 करोड़ रुपये का ही हुआ है, जबकि पिछले वर्ष 2024 के जनवरी से मार्च के दौरान इसका निर्यात 2,265.68 करोड़ रुपये का हुआ था।
व्यापारियों के अनुसार चालू सीजन में बुआई में आई कमी से कैस्टर सीड का उत्पादन कम होने का अनुमान है। हालांकि उत्पादक मंडियों में नई फसल की आवकों का दबाव बना हुआ है।
गुजरात की मंडियों में मंगलवार को कैस्टर सीड के भाव 1,240 से 1,225 रुपये प्रति 20 किलो पर स्थिर हो गए। इस दौरान राजकोट में कमर्शियल तेल के भाव 5 रुपये घटकर 1,260 रुपये और एफएसजी के 5 रुपये कमजोर होकर 1,270 रुपये प्रति 10 किलो रह गए।
गुजरात की मंडियों में कैस्टर सीड की दैनिक आवक मंगलवार को 1.90 लाख बोरी, एक बोरी 35 किलो की हुई।
कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2024-25 के दौरान कैस्टर सीड का उत्पादन 18.22 लाख टन ही होने का अनुमान है, जोकि इसके पिछले फसल सीजन की तुलना में 8 फीसदी कम है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार खरीफ सीजन में कैस्टर सीड की बुआई 12 फीसदी घटकर केवल 8.67 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी।

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