नई दिल्ली। घरेलू रिफाइनिंग उद्योग के हितों के लिए उद्योग ने केंद्र सरकार से क्रूड पाम तेल, सीपीओ एवं आरबीडी पामोलीन के आयात शुल्क के अंतर को बढ़ाकर 15 फीसदी करने की मांग की है।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी को भेजे गए ज्ञापन में घरेलू रिफाइनिंग उद्योगों को समान अवसर प्रदान करने के लिए सीपीओ और आरबीडी पामोलिन के बीच आयात शुल्क अंतर को 15 फीसदी तक बढ़ाने का अनुरोध किया।
एसईए ने खाद्य मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि क्रूड पाम तेल और आरबीडी पामोलिन के बीच शुल्क का अंतर इस समय केवल 7.5 फीसदी है, जिससे क्रूड पाम तेल के बजाए, आरबीडी पामोलीन का आयात ज्यादा मात्रा में हो रहा है। इसका सीधा फायदा मलेशिया और इंडोनेशिया की रिफाइनिंग उद्योग को रहा है। अत: सीपीओ और आरबीडी पामोलिन के बीच आयात शुल्क अंतर को 15 फीसदी किया जाए।
उद्योग ने लिखा है कि क्रूड पाम तेल और आरबीडी पामोलीन के आयात शुल्क में 15 फीसदी का अंतर करने से आरबीडी पामोलीन के बजाए क्रूड पाम तेल के आयात में बढ़ोतरी होगी, जिससे घरेलू रिफाइनिंग उद्योग को फायदा होगा।

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