नई दिल्ली। मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के साथ ही उत्तर प्रदेश की मंडियों में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर खरीद शुरू हो चुकी है। बोनस दिए जाने के बावजूद भी मध्य प्रदेश और राजस्थान के सरकारी खरीद केंद्रों पर गेहूं की आवक अपेक्षा अनुरूप बढ़ नहीं पा रही है, इसलिए सरकार ने मिलर्स, व्यापारी एवं स्टॉकिस्टों से हर सप्ताह स्टॉक की जानकारी देना अनिवार्य किया है।
केंद्र खाद्वय एवं उपभोक्ता मामले मंत्रालय के अनुसार 26 मार्च तक मध्य प्रदेश की मंडियों से केवल 49,394 टन तथा राजस्थान की मंडियों से 7,041 टन गेहूं की खरीद ही समर्थन मूल्य पर हो गई है। उत्तर प्रदेश की मंडियों से इस दौरान केवल 85.35 टन गेहूं सरकारी एजेंसियों ने खरीदा है। अत: चालू रबी विपणन सीजन 2025-26 में अभी तक केवल 56,520 टन गेहूं की खरीद ही समर्थन मूल्य पर हो पाई है।
रबी विपणन सीजन 2024-25 में केंद्र सरकार ने 320 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य किया था, लेकिन 266 लाख टन ही खरीदारी हो पाई थी। हालांकि यह रबी रबी विपणन सीजन 2023-24 में खरीदे गए 262 लाख टन से ज्यादा था, लेकिन निर्धारित लक्ष्य को देखें तो काफी कम था। रबी रबी विपणन सीजन 2023-24 में भी 341 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा गया था। इसी तरह से वर्ष 2022-23 का आंकड़ा भी निराश करने वाला है।
केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन 2024-25 के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 310 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय है। पंजाब एवं हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश के किसानों से 2425 रुपये प्रति क्विंटल, एमएसपी की दर से खरीद की जानी है। मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार बोनस दे रही है, लेकिन खुले बाजार में मूल्य अधिक होने के कारण सरकारी खरीद की रफ्तार धीमी है।
सूत्रों के अनुसार गेहूं पर लागू स्टॉक लिमिट 31 मार्च 2025 को समाप्त होने जा रही है लेकिन उसके बाद भी हर सप्ताह गेहूं के स्टॉक की जानकारी केंद्रीय पोर्टल पर घोषित करनी होगी। देश में गेहूं के पर्याप्त भंडार और इस साल रिकॉर्ड उत्पादन के अनुमान के बावजूद केंद्र सरकार ने स्टॉक घोषित करने की पाबंदी को जारी रखने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले का असर चालू रबी सीजन 2025-26 में निजी व्यापारियों द्वारा गेहूं की खरीद पर पड़ने का डर है।
केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, खाद्य सुरक्षा के प्रबंधन और अटकलों पर अंकुश लगाने के लिए भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापारियों/थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करणकर्ताओं को एक अप्रैल से अपने गेहूं के स्टॉक की स्थिति प्रत्येक शुक्रवार को पोर्टल (https://evegoils.nic.in/wsp/login) पर घोषित करनी होगी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार फसल सीजन 2024-25 में देश में रिकॉर्ड 1154.30 लाख टन गेहूं के उत्पादन का अनुमान है। केंद्रीय पूल में भी पहली अप्रैल 2025 को लगभग 120 लाख टन गेहूं का स्टॉक होगा, जोकि तय मानकों बफर से अधिक है।
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