नई दिल्ली। किसानों को अपनी फसल का सही मूल्य मिल सके, इसके लिए केंद्र सरकार उनकी उपज की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद सुनिश्चित कर रही है। खासतौर पर दलहन के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने हमेशा किसानों के कल्याण और उनके हितों को प्राथमिकता दी है। सरकार ने कृषि क्षेत्र में सुधारों और योजनाओं के माध्यम से किसानों की बेहतरी के लिए कई अहम कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अरहर की समर्थन मूल्य पर खरीद को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अरहर के प्रमुख उत्पादक राज्यों में इसकी खरीदी में तेजी आई है। फसल सीजन 2024-25 के लिए सरकार ने राज्यों के उत्पादन का 100 फीसदी मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत अरहर, उड़द और मसूर की खरीद को मंजूरी दी है। इस कदम से किसानों को अधिक लाभ मिलेगा और आयात पर निर्भरता में भी कमी आयेगी।
मोदी सरकार ने आगामी बजट 2025 में यह घोषणा की है कि 2028-29 तक दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए अगले चार वर्षों तक अरहर, उड़द और मसूर की 100 फीसदी की खरीद की जाएगी।
खरीफ सीजन 2024-25 के दौरान आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश राज्यों में अरहर की एमएसपी पर खरीद को मंजूरी दी गई है। कर्नाटक में इस खरीद अवधि को 90 दिन बढ़ाकर 1 मई तक किया गया है।
अब तक, इन राज्यों से कुल 2.46 लाख टन अरहर की खरीद एमएसपी पर की गई है, जिससे 1,71,569 किसान लाभान्वित हुए हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने रबी विपणन सीजन 2025 के दौरान चना, सरसों और मसूर की एमएसपी पर खरीद को भी मंजूरी दी है। इस साल चने की कुल 27.99 लाख टन और सरसों की 28.28 लाख टन है, जबकि मसूर की 9.40 लाख टन की खरीद तय की गई है।
केंद्र सरकार ने किसानों के हित में नैफेड और एनसीसीएफ के पोर्टलों के माध्यम से पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाया है, ताकि किसान आसानी से एमएसपी पर अपनी फसल बेच सकें। साथ ही, सरकार ने राज्य सरकारों से यह अपील की है कि वे यह सुनिश्चित करें कि किसानों से एमएसपी से नीचे कोई खरीद न हो।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें