नई दिल्ली। चालू फसल सीजन में नवंबर 24 के अंत में देश में 28 लाख टन सरसों का बकाया स्टॉक बचा हुआ है, तथा इसमें सबसे ज्यादा केंद्रीय एजेंसियों नेफेड एवं हैफेड के पास पुरानी एवं नई सरसों का 14.50 लाख टन तथा किसानों के पास 9.50 लाख टन है। तेल मिलों एवं स्टॉकिस्टों के पास इस दौरान करीब 4 लाख टन सरसों का बकाया स्टॉक है।
मरुधर ट्रेडिंग एजेंसी, जयपुर के अनुसार नवंबर में उत्पादक मंडियों में 3.50 लाख टन सरसों की आवक हुई तथा चालू फसल सीजन में पहली मार्च 24 से 30 नवंबर 24 तक करीब 98.50 लाख टन सरसों की आवक मंडियों एवं मिलों में हुई है। इस दौरान करीब 92 लाख टन सरसों की क्रॉसिंग हो चुकी है तथा नवंबर में 8 लाख टन की क्रेसिंग हुई है।
फसल सीजन 2024-25 के आरंभ में पहली मार्च को तेल मिलों के पास 4.50 लाख टन सरसों का बकाया स्टॉक था, जबकि नवंबर 2024 के अंत तक 98.50 लाख टन सरसों की आवक हुई है। चालू फसल सीजन में नेफेड एवं हैफेड ने 20 लाख टन सरसों की खरीद समर्थन मूल्य पर की थी जिसमें से केंद्रीय एजेंसियां अभी तक 13 लाख टन सरसों मार्केट में बेच चुकी है। नवंबर अंत तक 92 लाख टन सरसों की पेराई तेल मिलें कर चुकी है अत: तेल मिलों एवं स्टॉकिस्टों के पास नवंबर के अंत में 4 लाख टन सरसों का ही बकाया स्टॉक है।
उद्योग द्वारा अप्रैल में जारी दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2024-25 में देश में सरसों का उत्पादन 108 लाख टन का हुआ था, जबकि नई फसल की आवक के समय 12 लाख टन का बकाया स्टॉक बचा हुआ था। अत: अप्रैल 2024 में देशभर में सरसों की कुल उपलब्धता 120 लाख टन की बैठी थी।
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