नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2024 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2024-25 (अक्टूबर से सितंबर) के दौरान महाराष्ट्र में 100 से 102 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान है। प्रतिकूल मौसम से चालू पेराई सीजन में राज्य में गन्ने की उत्पादकता में कमी आई है, जिस कारण रिकवरी भी कम बैठ रही है।
वेस्ट इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (डब्ल्यूआईएसएमए) की कार्यकारी बोर्ड की 20 दिसंबर को हुई बैठक के अनुसार अप्रैल से जून दौरान राज्य में शुष्क मौसम और उसके बाद नवंबर तक भारी बारिश के कारण गन्ने के जल्दी पकने, विकास में कमी और वृद्धि में कमी के कारण प्रति हेक्टेयर उत्पादकता में कमी आई है। इसलिए राज्य में चीनी की रिकवरी पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ी कम बैठ रही है। अत: चालू पेराई सीजन 2024-25 में राज्य में 100 से 102 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है। माना जा रहा है कि 12 लाख टन चीनी की खपत एथेनॉल के लिए डायवर्ट में होगी। अत: अनुमान लगाया गया कि राज्य में कुल चीनी का उत्पादन 90 लाख टन का ही होगा।
डब्ल्यूआईएसएमए के अनुसार चालू पेराई सीजन में 18 दिसंबर, 2024 तक राज्य की 94 सहकारी एवं 92 निजी चीनी मिलों सहित कुल 186 चीनी मिलों ने 233.67 लाख टन गन्ने की पेराई कर 19.26 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। औसत चीनी रिकवरी 8.24 फीसदी की बैठ रही है।
राज्य के स्थानीय बाजार में चीनी की कीमत 3,300 से 3,400 रुपये प्रति क्विंटल है, जोकि औसत भाव 3,500 से 3,600 रुपये प्रति क्विंटल से काफी कम है। अत: मिलों को चीनी की बिक्री उत्पादन लागत से कम दाम पर करनी पड़ रहा है। अत: राज्य की चीनी मिलों को इन भाव में घाटा हो रहा है। इसलिए उद्योग ने केंद्र सरकार से मांग की गई कि, चीनी मिलों के हित में चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य, एमआरपी को बढ़ाकर 41 रुपये प्रति किलो किया जाए।
चालू पेराई सीजन 2024-25 के लिए गन्ने के न्यूनतम खरीद मूल्य (एफआरपी) में वृद्धि के कारण, चीनी के उत्पादन की लागत के साथ ही एथेनॉल के उत्पादन की लागत में भी वृद्धि हुई है। बैठक में केंद्र सरकार से चीनी, गन्ने के रस, बी हैवी, सी हैवी के भाव को 3 रुपये से 5 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ाने की मांग की गई है।
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