नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2024 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन (अक्टूबर-24 से सितंबर-25) के पहले दो महीनों अक्टूबर एवं नवंबर में चीनी के उत्पादन में 35.4 फीसदी की गिरावट आकर कुल उत्पादन 27.90 लाख टन का ही हुआ है, जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में इसका उत्पादन 43.20 लाख टन का हो चुका था।
नेशनल फेडरेशन ऑफ को ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्री लिमिटेड (एनएफसीएसएफ) के अनुसार महाराष्ट्र और कर्नाटक में चीनी मिलों में पेराई देर से आरंभ होने के कारण उत्पादन में गिरावट आई है।
एनएफसीएसएफ के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे के अनुसार महाराष्ट्र और कर्नाटक में पेराई कार्यों में देरी हुई थी, लेकिन जल्द ही इसमें तेजी आने की उम्मीद है। धीमी शुरुआत के कारण चालू पेराई सीजन मिलें भी कम चल रही है। नवंबर के अंत तक कुल 381 चीनी मिलों ने ही पेराई शुरू की है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 433 मिलें पेराई शुरू कर चुकी थी।
एनएफसीएसएफ के अनुसार, 15 नवंबर, 2024 तक महाराष्ट्र में 144 चीनी मिलों ने पेराई शुरू की है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 264 मिलों ने पेराई आरंभ कर दी थी।
जानकारों के अनुसार शुरुआती सीजन में उत्पादन में आई गिरावट के कारण दुनिया के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक को निर्यात कोटा वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है, जिससे विश्व बाजार में चीनी कीमतों को बढ़ावा मिल सकता है।
राज्यवार चीनी उत्पादन के मामले में, महाराष्ट्र में मिलों ने 64.79 लाख टन गन्ने की पेराई करके 4.60 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। उत्तर प्रदेश में 118 चीनी मिलों ने 148.28 लाख टन गन्ने की पेराई करके 12.90 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। तीसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य कर्नाटक में 78.65 लाख टन गन्ने की पेराई करके चीनी का उत्पादन 7.00 लाख टन तक पहुँच गया।
एनएफसीएसएफ के अनुसार 2024-25 पेराई सीजन के दौरान देश में चीनी का उत्पादन 280 लाख टन ही होने का अनुमान है जो कि पिछले साल के 319 लाख टन की तुलना में कम है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें