नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2024 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन (अक्टूबर-24 से सितंबर-25) के पहले ढाई महीनों पहली अक्टूबर एवं 15 दिसंबर के दौरान चीनी के उत्पादन में 17.99 फीसदी की गिरावट आकर कुल उत्पादन 60.85 लाख टन का ही हुआ है, जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में इसका उत्पादन 74.20 लाख टन का हो चुका था।
नेशनल फेडरेशन ऑफ को ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्री लिमिटेड (एनएफसीएसएफ) के अनुसार गन्ने की पेराई ने पहल की तुलना में गति पकड़ी है। मध्य दिसंबर तक देशभर में 472 चीनी मिलों में पेराई आरंभ हो चुकी है, हालांकि यह आंकड़ा पिछले पेराई सीजन की 501 चीनी मिलों के मुकाबले कम है।
चालू पेराई सीजन 2024-25 के देशभर की चीनी मिलें 15 दिसंबर 2024 तक 719.24 लाख टन गन्ने की पेराई कर चुकी है, जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में 850.92 लाख टन गन्ने की पेराई हो चुकी थी।
देश में चीनी की रिकवरी दर पिछले सीजन की तुलना में कम आ रही है। 15 दिसंबर 2024 तक औसत चीनी की रिकवरी की दर 8.46 फीसदी की रही है, जबकि पिछले सीजन की समान अवधि के दौरान यह 8.72 फीसदी की थी।
चालू पेराई सीजन 2024-25 में 15 दिसंबर 24 तक महाराष्ट्र की 183 चीनी मिलों ने 207.41 लाख टन गन्ने की पेराई की है, तथा इस दौरान राज्य में 16.80 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है।
उत्तर प्रदेश में सभी 120 चीनी मिलों ने पेराई कार्य शुरू कर दिया है तथा दिसंबर मध्य तक राज्य की चीनी मिलों ने 257.87 लाख टन गन्ने की पेराई की है, जिससे 22.95 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है।
तीसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य कर्नाटक में 76 चीनी मिलों में पेराई चल रही हैं, जिन्होंने मध्य दिसंबर तक 162.65 लाख टन गन्ने की पेराई करके 13.50 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है।
एनएफसीएसएफ के अनुसार, चालू पेराई सीजन 2024-25 के दौरान देश में चीनी का उत्पादन 280 लाख टन होने का अनुमान है।
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