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18 दिसंबर 2024

कपास की सरकारी खरीद 31 लाख गांठ के पार, तेलंगाना एवं महाराष्ट्र की हिस्सेदारी ज्यादा

नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2024 से शुरू हुए चालू फसल सीजन 2024-25 में कॉटन कारपोरेशन आफ इंडिया, सीसीआई न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर 31 लाख गांठ, एक गांठ 170 किलो कपास की खरीद कर चुकी है।


सीसीआई के अनुसार फसल सीजन 2023-24 की समान अवधि में 33 लाख गांठ कपास की खरीद हुई थी।

सूत्रों के अनुसार चालू फसल सीजन में 14 दिसंबर तक कपास की कुल खरीद में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी तेलंगाना की 19.94 लाख गांठ एवं महाराष्ट्र की 5.42 लाख गांठ है। अन्य राज्यों में आंध्र प्रदेश से 1.8 लाख गांठ तथा कर्नाटक से 1.66 लाख गांठ कपास की खरीद हुई है।

गुजरात से समर्थन मूल्य पर 88,506 गांठ तथा मध्य प्रदेश से 86,882 गांठ और ओडिशा से 21,148 गांठ के साथ ही राजस्थान से 13,507 गांठ कपास की खरीद हुई है। चालू सीजन में हरियाणा से 5,576 गांठ तथा पंजाब से 279 गांठ और पश्चिम बंगाल 234 गांठ कपास की सरकारी खरीद हुई है।

केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2024-25 के लिए मध्य रेशे की कपास का समर्थन मूल्य 7,121 रुपये और लंबे रेशे की कपास का 7,521 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।

स्पिनिंग मिलों की मांग बढ़ने के कारण मंगलवार को गुजरात में कॉटन की कीमतों में तेजी आई जबकि उत्तर भारत के राज्यों में इसके दाम स्थिर हो गए।

गुजरात के अहमदाबाद में 29 शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव में मंगलवार को 200 रुपये तेज होकर 53,400 से 53,600 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी-356 किलो हो गए।

पंजाब में रुई के हाजिर डिलीवरी के भाव 5560 से 5570 रुपये प्रति मन बोले गए। हरियाणा में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव 5550 से 5560 रुपये प्रति मन बोले गए। ऊपरी राजस्थान में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव 5550 से 5600 रुपये प्रति मन बोले गए। खैरथल लाइन में कॉटन के भाव 53,500 से 53,800 रुपये कैंडी, एक कैंडी-356 किलो बोले गए। देशभर की मंडियों में कपास की आव 1,88,500 गांठ, एक गांठ-170 किलो की हुई।

स्पिनिंग मिलों की मांग सुधरने के कारण गुजरात में कॉटन की कीमतों में तेजी दर्ज की गई जबकि उत्तर भारत के राज्यों में इसके दाम स्थिर बने रहे। व्यापारियों के अनुसार कॉटन की कीमतों में अभी बड़ी तेजी के आसार कम है। आईसीई के इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग में कॉटन के दाम आज कमजोर हुए है, जिस कारण घरेलू बाजार में इसकी कीमत स्थिर हो सकती है।

व्यापारियों के अनुसार खपत का सीजन होने के बावजूद भी सूती धागे की स्थानीय मांग सामान्य की तुलना में कमजोर बनी हुई है। कॉटन के निर्यात में भी पड़ते नहीं लग रहे। हालांकि चालू सीजन में बुआई में आई कमी के साथ ही कई राज्यों में अक्टूबर में हुई बारिश से कॉटन के उत्पादन और क्वालिटी पर पड़ने की आशंका है। इसलिए कॉटन की कीमतों में सीमित तेजी, मंदी बनी रहने का अनुमान है। हालांकि विश्व बाजार में दाम कम होने के कारण चालू सीजन में अभी तक आयात सौदे ज्यादा मात्रा में हुए हैं।

कृषि मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू खरीफ सीजन में कपास का उत्पादन 299.26 लाख गांठ, एक गांठ-170 किलो होने का अनुमान है, जो क‍ि पिछले खरीफ 2023-24 के 325.22 लाख गांठ के मुकाबले कम है।

कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया, सीएआई के आरंभिक अनुसार के अनुसार पहली अक्टूबर 2024 से शुरू हुए चालू फसल सीजन 2024-25 में देश में 302.25 लाख गांठ, एक गांठ-170 किलो कॉटन के उत्पादन का अनुमान है, जोकि इसके पिछले फसल सीजन 2023-24 के 325.29 लाख गांठ से कम है।

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