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28 दिसंबर 2024

चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में कैस्टर तेल का निर्यात 11.61 फीसदी बढ़ा - एसईए

नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान कैस्टर तेल के निर्यात में 11.61 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 459,214 टन का हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात केवल 411,438 टन का ही हुआ था।


साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एसईए के अनुसार नवंबर में कैस्टर तेल का निर्यात बढ़कर 38,196 टन का हुआ है, जबकि पिछले साल नवंबर में इसका निर्यात केवल 38,032 टन का ही हुआ था। मूल्य के हिसाब से नवंबर में कैस्टर तेल का निर्यात 522.04 करोड़ रुपये का हुआ है, जबकि पिछले साल नवंबर में इसका निर्यात 474.05 करोड़ रुपये का ही हुआ था।

व्यापारियों के अनुसार चालू सीजन में बुआई में आई कमी से कैस्टर सीड का उत्पादन कम होने का अनुमान है, जिस कारण इसके भाव में बड़ी गिरावट के आसार नहीं है।

गुजरात की मंडियों में मंगलवार को कैस्टर सीड के भाव 1,240 से 1,260 रुपये प्रति 20 किलो पर स्थिर बने रहे। इस दौरान राजकोट में कमर्शियल तेल के भाव 6 रुपये बढ़कर 1,294 रुपये और एफएसजी के 10 रुपये कमजोर होकर 1,305 रुपये प्रति 10 किलो हो गए।

देशभर की मंडियों में कैस्टर सीड की दैनिक आवक मंगलवार को 18 से 19 हजार बोरी, एक बोरी 35 किलो की हुई, जिसमें से गुजरात की मंडियों में 15 से 16 हजार बोरी तथा राजस्थान की मंडियों में 18 से 2 हजार बोरियों की हो रही है। इसके अलावा करीब 1,000 से 1,200 बोरी सीधे मिल पहुंच का व्यापार हो रहा है।

कृषि मंत्रालय के आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2024-25 के दौरान कैस्टर सीड का उत्पादन घटकर 15.53 लाख टन ही होने का अनुमान है, जबकि इसके पिछले फसल सीजन में 19.59 लाख टन का उत्पादन हुआ था।

कृषि मंत्रालय के अनुसार खरीफ सीजन में कैस्टर सीड की बुआई घटकर केवल 8.20 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 9.50 लाख हेक्टेयर की तुलना में कम थी। 

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