नई दिल्ली। स्पिनिंग मिलों की मांग बनी रहने के कारण शनिवार को गुजरात में कॉटन के दाम तेज हुए, जबकि इस दौरान उत्तर भारत के राज्यों में इसकी कीमतों में गिरावट आई।
गुजरात के अहमदाबाद में 29 शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव में 150 रुपये की तेजी आकर दाम 54,200 से 54,500 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी-356 किलो हो गए। अत: पिछले दो कार्यदिवस में राज्य में कॉटन की कीमत 400 रुपये प्रति कैंडी तक तेज हुई हैं।
पंजाब में रुई के हाजिर डिलीवरी के भाव कमजोर होकर 5650 से 5660 रुपये प्रति मन रह गए। हरियाणा में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव कमजोर होकर 5630 से 5640 रुपये प्रति मन बोले गए। ऊपरी राजस्थान में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव घटकर 5620 से 5670 रुपये प्रति मन रह गए। खैरथल लाइन में कॉटन के भाव कमजोर होकर 54,300 से 54,400 रुपये कैंडी, एक कैंडी-356 किलो रह गए। देशभर की मंडियों में कपास की आव 1,20,000 गांठ, एक गांठ-170 किलो की हुई।
स्पिनिंग मिलों की मांग बनी रहने से जहां गुजरात में कॉटन की कीमतों में तेजी आई है, वहीं उत्तर भारत के राज्यों में इसके दाम कमजोर हुए। व्यापारी कॉटन में बड़ी तेजी के पक्ष में नहीं है क्योंकि खपत का सीजन होने के बावजूद भी सूती धागे की स्थानीय मांग सामान्य की तुलना में कमजोर बनी हुई है साथ ही कॉटन के निर्यात में भी पड़ते नहीं लग रहे। हालांकि चालू सीजन में बुआई में आई कमी के साथ ही कई राज्यों में अक्टूबर में हुई बारिश से कॉटन के उत्पादन और क्वालिटी पर पड़ने की आशंका है। इसलिए कॉटन की कीमतों में सीमित तेजी, मंदी बनी रहने का अनुमान है। भारती की तुलना में विश्व बाजार में दाम कम होने के कारण चालू सीजन में अभी तक आयात सौदे ज्यादा मात्रा में हुए हैं।
कॉटन कारपोरेशन आफ इंडिया, सीसीआई ने 21 नवंबर को ई-नीलामी के माध्यम से तेलंगाना, अहमदाबाद, मध्य प्रदेश, पंजाब एवं हरियाणा में फसल सीजन 2023-24 की खरीदी हुई 13,200 गांठ कॉटन की बिक्री की।
कृषि मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू खरीफ सीजन में कपास का उत्पादन 299.26 लाख गांठ, एक गांठ-170 किलो होने का अनुमान है, जो कि पिछले खरीफ 2023-24 के 325.22 लाख गांठ के मुकाबले कम है।
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया, सीएआई के आरंभिक अनुसार के अनुसार पहली अक्टूबर 2024 से शुरू हुए चालू फसल सीजन 2024-25 में देश में 302.25 लाख गांठ, एक गांठ-170 किलो कॉटन के उत्पादन का अनुमान है, जोकि इसके पिछले फसल सीजन 2023-24 के 325.29 लाख गांठ से कम है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें